शिवसेना पर किसका दावा पुख्ता, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

आखिर शिवसेना किसकी है, यह सवाल इसलिए है क्योंकि पार्टी पर एकनाथ शिंदे भी दावा कर रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट के साथ साथ चुनाव आयोग में भी है। हाल ही में एकनाथ शिंदे गुट ने पार्टी पर दावेदारी के संबंध में जल्द सुनवाई की मांग की थी।

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के संबंध में शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी समूहों (एकनाथ शिंदे- उद्धव ठाकरे गुट) द्वारा दायर मामलों के संबंध मे सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि 7 सितंबर को सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध कर सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की एक एससी पीठ ने कहा कि वह बुधवार को सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध कर सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

शिंदे गुट ने तत्काल सुनवाई की अपील की थी
नीरज किशन कौल ने तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजा गया था और चुनाव आयोग  के समक्ष कार्यवाही को 'असली' शिवसेना का निर्धारण करने के लिए किया गया है। ठप कौल ने कहा कि इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं।अगस्त में, शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा दायर याचिका में शामिल मुद्दों को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा था। SC ने कहा था कि मामले की सुनवाई 25 अगस्त को संविधान पीठ करेगी, लेकिन मामला अभी तक सुनवाई के लिए नहीं आया है।

सिंबल के संबंध में फैसला देने पर थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा 'असली' शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता और उसे धनुष और तीर के प्रतीक के आवंटन के लिए दायर आवेदन पर 25 अगस्त तक फैसला नहीं करने का आदेश दिया था।उद्धव ठाकरे खेमे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह मुद्दे पर अंतरिम राहत के लिए 25 अगस्त को मामला संविधान पीठ के समक्ष रखा था। शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे ने एकनाथ शिंदे समूह के 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच पर दिया था बल
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से जुड़े कुछ मुद्दों पर विचार के लिए एक बड़ी संवैधानिक पीठ की आवश्यकता हो सकती है। इसने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से शिवसेना के सदस्यों के खिलाफ जारी किए गए नए अयोग्यता नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा था।

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