वायुसेना के होते हुए लद्दाख क्यों गए भारतीय नौसेना के 20 लड़ाकू विमान? MiG 29K में ऐसा क्या है खास

देश
प्रभाष रावत
Updated Jul 24, 2020 | 07:53 IST

Indian Navy MiG-29 in Ladakh: भारतीय नौसेना के 20 मिग-29के विमानों की तैनाती लद्दाख के उत्तरी क्षेत्र में कर दी गई है और इसी के साथ समंदर के साथ लद्दाख सीमा पर भी नौसेना का प्रभाव दिख रहा है।

Why Indian Navy MiG-29 aircraft deployed Ladakh
लद्दाख क्यों भेजे गए हैं भारतीय नौसेना के मिग 29 विमान 
मुख्य बातें
  • तनाव की स्थिति को देखते हुए लद्दाख भेजे गए भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमान
  • एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनाती के लिए होते हैं इस्तेमाल
  • समुद्र के अलावा अब लद्दाख के पहाड़ी इलाके में भी दिखेगी नौसेना की ताकत

नई दिल्ली: चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटने के लिए तय की गई प्रक्रिया का पालन करने से लगातार कतराता नजर आ रहा है और इस बीच आने वाले समय में तनाव और बढ़ने की आशंका को देखते हुए भारतीय सेनाओं ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। अभी तक भारतीय वायुसेना और थलसेना लद्दाख में आक्रामक थे लेकिन अब भारतीय नौसेना समंदर के अलावा लद्दाख सीमा पर भी अपनी ताकत का प्रभाव दिखाती नजर आ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार नौसेना के 20 मिग-29K विमानों को उत्तरी लद्दाख सीमा पर तैनात किया गया है जहां ये चीन और पाकिस्तान दोनों को चुनौती देने के लिए मौजूद रहेंगे।

इस बीच रक्षा जानकारियों से बहुत ज्यादा सरोकार नहीं रखने वाले आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ सकते हैं। जैसे- भारतीय नौसेना के पास फाइटर जेट क्यों होते हैं, ये फाइटर जेट लद्दाख क्यों भेजे गए, क्या एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर विमानों की कमी हो जाएगी और आखिर मिग-29 विमान इतना खास क्यों हैं। आइए एक नजर डालते हैं इन सभी विषयों पर।

Mig 29K in Laddakh

  1. भारतीय वायुसेना के अलावा भारतीय नौसेना भी मिग-29 विमानों का इस्तेमाल करती है जिन्हें MiG-29K के नाम से जाना जाता है। यह विमान भारत के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनाती के इस्तेमाल होते हैं जो कि समुद्र में तैरते एयरबेस जैसा एक युद्धक जहाज है।
  2. फिलहाल जिन 20 विमानों को लद्दाख भेजा गया है वह गोवा स्थित भारतीय नौसेना के आईएनएस हंसा बेस पर मौजूद थे। नौसेना के पास मिग-29के विमानों की दो स्क्वाड्रन है, जिनमें से एक अरब सागर में मौजूद आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन का इस्तेमाल तनाव की स्थिति को देखते हुए लद्दाख में किया जा रहा है।
  3. आईएनएस विक्रमादित्य पर एक समय में एक ही स्क्वाड्रन तैनात रहती है और ऐसे में अतिरिक्त विमान गोवा के आईएनएस हंसा पर मौजूद रहते हैं।
  4. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के गठन के बाद और पीएम मोदी की सोच के अनुसार तीनों सेनाओं के तालमेल को मजबूत करने और देश में मौजूद रक्षा संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के इरादे से यह कदम उठाया गया है। मिग-29 के अलावा नौसेना के पी-8 पोसाइडन निगरानी और हमलावर विमान को भी लद्दाख में इस्तेमाल किया जा रहा है।Indian Navy Mig-29K deployment in Ladakh
  5. लद्दाख में मिग-29 इतना खास क्यों?
    लद्दाख ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में शामिल इलाका है जहां हवा का घनत्व कम है और गुरुत्वाकर्षण बल ज्यादा प्रभावी होता है। ऐसे में युद्ध की स्थिति में इस क्षेत्र में ऐसे विमान की जरूरत है जिसके इंजन उसके वजन के मुकाबले ज्यादा ताकतवर हों और मिग-29 ऐसे ही विमानों में से एक है।
  6. रूस से खरीदे गए चौथी पीढ़ी के इस विमान का 'थ्रस्ट टू वेट रेश्यो' 1 से ज्यादा है जो कि बहुत अच्छा माना जाता है। पूरी ईंधन और हथियार क्षमता के साथ यह विमान ऊंचाई वाले इलाकों और छोटे रनवे पर भी आसानी से उड़ान भर सकता है इसलिए यह विमानों के मुकाबले लद्दाख में ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है।

नौसेना के अलावा भारतीय वायुसेना के मिग-29 विमान भी लद्दाख में तैनात हैं और इस विमान ने कारगिल युद्ध के दौरान बेहद अहम भूमिका निभाते हुए पाकिस्तानी वायुसेना को एलओसी के करीब न आने के लिए मजबूर कर दिया था।

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