Russia-Ukraine War:यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर क्यों कब्जा कर रहा है रूस, पुतिन का समझें प्लान !

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Mar 07, 2022 | 16:36 IST

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में में कुल 25 एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। जिसमें से 15 एक्टिव हैं, जबकि 6 एक्टिव नहीं है और 4 को बंद कर दिया गया है। यूक्रेन की 50 फीसदी बिजली की आपूर्ति इन्हीं 15 एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर से होती है

Ukraine Russia War Nuclear Plant
रूस, यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर रहा है। 
मुख्य बातें
  • 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद जब यूक्रेन उससे अलग हुआ तो वह परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश था।
  • उस वक्त यूक्रेन के पास 1900 परमाणु हथियारों को ले जाने वाले हथियार, 176 अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल और 44 परमाणु बम थे।
  • रूसी मीडिया ने रविवार को दावा किय कि यूक्रेन प्लूटोनियम आधारित परमाणु हथियार बनाने के करीब था।

Russia-Ukraine War: बीते 4 मार्च को रूस ने यूक्रेन स्थित यूरोप के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट  जपोररिजिया प्लांट पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया। इसके पहले उसने, युद्ध के पहले दिन यानी 24 फरवरी को बंद पड़े चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट को भी कब्जे में ले लिया था। इन दोनों प्लांट को कब्जे में लिए जाने के बाद यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की (Volodymry Zelenskiy) ने बीते शनिवार को अमेरिका सांसदों से बात करते हुए कहा कि रूस (Russia)यूक्रेन के दो परमाणु प्लांट्स पर कब्जा कर चुका है। और अब रूसी सेना तीसरे परमाणु प्लांट पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रही है। 

जेलेंस्की का इशारा माइकोलाइव के उत्तर में करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित युझनोक्रेइस्क परमाणु ऊर्जा प्लांट (Yuzhnoukrayinsk) पर रूस के कब्जे को लेकर था। जिस तरह रूस ने दो न्यूक्लियर प्लांट को कब्जे में लिया, ऐसे में जेलेंस्की का डर वाजिब है। सवाल यही है कि रूस यूक्रेन के बंद पड़े और एक्टिव न्यूक्लियर प्लांट को अपने कब्जे में क्यों लेना चाहता है। अब इसका जवाब रूस की सरकारी मीडिया के बयान से समझा जा सकता है।

रूस को किस बात का है डर

बीते रविवार को रूसी मीडिया ने रविवार को एक अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए कहा कि यूक्रेन प्लूटोनियम आधारित "डर्टी बम" परमाणु हथियार बनाने के करीब था, हालांकि इसके संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दिया था। इसके पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले से पहले कई बार कह चुके हैं कि वह यूक्रेन को परमाणु हथियार नहहबीं बनाने देंगे। साफ है कि रूस अपने पड़ोस में परमाणु संपन्न देश को नहीं देखना चाहता है। क्योंकि अगर इस समय यूक्रेन के पास परमाणु हथियार होते तो निश्चित तौर पर युद्ध की तस्वीर कुछ और हो सकती थी। इस कमी को यूक्रेन के सांसद एलेक्सी गोंचारेंको के बयान से भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी के तहत अपने परमाणु हथियार छोड़ दिए थे। 

यूक्रेन में 25 न्यूक्लियर रिएक्टर

वर्ल्ड न्यूक्लियर रिपोर्ट  के अनुसार यूक्रेन में में कुल 25  एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। जिसमें से 15 एक्टिव हैं, जबकि 6 एक्टिव नहीं है और 4 को बंद कर दिया गया है।यूक्रेन की 50 फीसदी बिजली की आपूर्ति इन्हीं 15 एक्टिव न्यूक्लियर रिएक्टर से होती है। ऐसे में पुतिन इन न्यूक्लियर प्लांट कब्जा कर न केवल अपनी आशंका की हकीकत जानना चाहते हैं, बल्कि भविष्य के लिए यूक्रेन के लिए परमाणु बम बनाने की कोई संभावना नहीं रहने देना चाहते हैं। इसके अलावा  इन प्लांट पर कब्जा कर युद्ध में भी यूक्रेन की ताकत को कम कर सकते हैं।

एक तीसरा सबसे बड़ा परमाणु हथियारों वाला देश था यूक्रेन

आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद जब यूक्रेन उससे अलग हुआ तो  वह परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश था। उस वक्त यूक्रेन के पास 1900 परमाणु हथियारों को ले जाने वाले हथियार, 176 अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBMs)और 44 परमाणु बम थे। लेकिन 5 दिसंबर, 1994 को  बुडापेस्ट में यूक्रेन, बेलारूस और कजाखिस्तान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के नेताओं ने मिलकर बुडापेस्ट मेमोरेंडम पर समझौता किया। और इसी के तहत यूक्रेन एनपीटी समझौते में शामिल हुआ। और उसे रूस को अपने परमाणु संसाधन सौंपने पड़े थे।

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