महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान क्यों बनते जा रहे हैं कोरोना हॉटस्पॉट , 50 फीसद से ज्यादा है हिस्सेदारी

देश
ललित राय
Updated May 05, 2020 | 23:15 IST

50 percent corona share from maharashtra, gujarat, delhi and rajasthan: पूरे देश में कोरोना के कुल 46 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिसमें 50 फीसद हिस्सेदारी इन राज्यों की है।

महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान क्यों बनते जा रहे हैं कोरोना हॉटस्पॉट , 50 फीसद से ज्यादा है हिस्सेदारी
पूरे देश में कोरोना के केस 46 हजार के पार 
मुख्य बातें
  • पूरे देश में कोरोना के केस 46 हजार के पार
  • महाराष्ट्र में यह संख्या 15 हजार के पार, गुजरात में 6 हजार, दिल्ली में पांच हजार और राजस्थान में तीन हजार के पार
  • कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन पार्ट-3 लागू

नई दिल्ली। देश इस समय एक ऐसी लड़ाई में जिसका दुश्मन आंखों के सामने नजर नहीं आता है। वो हम सबके आसपास ही रहता है। हम थोड़ी सी लापरवाही करते हैं तो उसके शिकंजे में आ जाते हैं। बात यहां कोरोना वायरस की हो रही है। पूरे देश में कोरोना के मामले अब 50 हजार के आंकड़े को कभी भी छू सकते हैं। लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ाया गया है जिसे हम लॉकडाउन पार्ट 3 के नाम से जानते हैं। तमाम कोशिशों के बाद अब जो आंकड़े सामने आए हैं उनमें से चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान से जो गिनती आई है उसमें इन चारों राज्यों की भागीदारी 50 फीसद से ज्यादा है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हो रहा है।

महाराष्ट्र में कोरोना के 15 हजार मामले
सवाल यह है कि महाराष्ट्र जैसा समृद्ध राज्य कोरोना के चपेट में कैसे आया और यहां कोरोना केस की रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रहा है। क्या सरकार से किसी तरह की चूक हो गई। क्या सरकार जिन प्रयासों पर नजरें टिकाए हुई थी उससे अपेक्षित कामयाबी नहीं मिल रही है। अगर पूरे राज्य की बात करें तो मुंबई और उसके आसपास के इलाके ज्यादा प्रभावित हैं। मुंबई के अलग अलग हिस्सों से कोरोना के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन तब्लीगी जमात के लोग जब वहां पहुंचे और उसके साथ ही धारावी से केस सामने आने लगे तो हालात खराब हो गए। बीएमसी ने अपने आदेश में कहा है कि अब सिर्फ आवाश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानें ही खोली जाएंगी। 

गुजरात में कोरोना 6 हजार के पार
महाराष्ट्र के बाद परेशान करने वाले आंकड़े गुजरात से हैं। गुजरात में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां पर सूरत और अहमदाबाद की तस्वीर खराब है। राज्य सरकार का कहना है कि जितने में भी केस हैं उनमें से 60 फीसद जिम्मेदार जमात से जुड़े लोगों की वजह से है। सरकार की तरफ से कोशिश की जा रही है कि कोरोना के संक्रमण चेन को तोड़ा जा सके। इसके लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर खासा ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन जानकारों का कहना है कि मामलों में तेजी जो नजर आ रही है उसके लिए टेस्टिंग प्रक्रिया को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। 

दिल्ली में कोरोना के अब तक 5 हजार केस
अगर बात राजधानी दिल्ली की करें तो यहां भी केस पांच हजार के पार है। हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले तीन दिनों में यह मामले बढ़ें हैं। अगर प्रति घंटे की बात करें तो 11 केस सामने आ रहे हैं। दिल्ली में कोरोना के केस में बड़ी हिस्सेदारी जमात की है। लेकिन तीन दिन पहले कापसहेड़ा का मामला सामने आया वो हैरान करने वाला था। अब तो दिल्ली में आर्थिक क्रियाकलापों को भी मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केस बढ़ सकते हैं लेकिन हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं। 

राजस्थान में तीन हजार से ज्यादा मामले
राजस्थान का जिक्र करना इसलिए जरूरी हो जाता है कि यहां पर भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लेकिन जयपुर से जो खबरें सामने आई वो परेशान करने वाली थी। जयपुर के साथ साथ भरतपुर और कोरौली का जिक्र करना भी आवश्यक है। जयपुर में सबसे ज्यादा केस रामगंज मोहल्ले से सामने आए हैं। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ। जानकारों का कहना है कि रामगंज की जो बनावट है वो काफी घनी आबादी वाला है। इसकी वजह से मामले तेजी से बढ़े। इसके साथ ही जब टेस्टिंग के केस बढ़ाए गए तो कोरोना के मामले तेजी से सामने आने लगे।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर