कोरोना-काल में भी नहीं रुका राम मंदिर का काम, इस नई तकनीक से हो रही नींव की भराई,PHOTOS

Construction of Ram temple in Ayodhya:अयोध्‍या में श्री रामजन्मभूमि परिसर में नींव के लिए लगातार खुदाई चल रही है और कोरोना काल में भी यह नहीं रूका है।

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अयोध्या राम मंदिर निर्माण न्यूज़ 
मुख्य बातें
  • कोरोना काल के बावजूद राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी
  • नींव भराई का कार्य Roller Compacted Concrete तकनीक से किया जाएगा
  • लगभग 1,20,000 स्क्वायर फ़ीट क्षेत्र में अभी 4 परत बिछाई जा चुकी हैं

अयोध्‍या:  कोरोना काल के बावजूद अयोध्‍या में श्री रामजन्मभूमि परिसर में नींव के लिए लगातार खुदाई चल रही है और प्रभु श्री राम का मंदिर जल्‍द बने इसके प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रस्ट ने विशेषज्ञों की सलाह से यह निर्णय किया गया कि नींव भराई का कार्य Roller Compacted Concrete तकनीक से किया जाएगा।

लगभग 1,20,000 स्क्वायर फ़ीट क्षेत्र में अभी 4 परत बिछाई जा चुकी हैं। कुल 40-45 ऐसी ही परत बिछाई जाएंगी। मंदिर निर्माण का कार्य लगातार चल रहा है। अक्टूबर माह तक यह कार्य पूर्ण होने की आशा है। मंदिर निर्माण में लगे सभी मजदूर और इंजीनियर रामलला की विशेष कृपा से स्वस्थ हैं।

अक्टूबर के अंत तक बुनियाद भरने का काम पूरा हो जाएगा

ट्रस्ट का दावा है कि लगातार 18 से 20 घंटे काम हो रहा है और अक्टूबर के अंत तक बुनियाद भरने का काम पूरा हो जाएगा।  काम समय पर पूरा करने के लिए 2 शिफ्टों में काम किया जा रहा है। 12- 12 घंटे की दो शिफ्ट कार्यदाई संस्था द्वारा कराई जा रही है, जिससे कि समय पर कार्य पूरा हो सके।

कोरोना का साया मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नहीं पड़ा

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 400 फीट लंबा 300 फीट चौड़ा और 50 फीट गहरा क्षेत्र से लगभग 120000 घन मीटर मलबा हटाया गया था। अब इसको भरने का काम जारी है। चंपत राय के अनुसार,  राम जन्मभूमि परिसर में 4 लेयर अब तक कंप्लीट हो चुकी हैं। एक फीट मोटी लेयर बिछाना और रोलर पर कांटेक्ट करने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं। कोरोना का साया मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नहीं पड़ा है।

वहीं रामलला के मंदिर निर्माण का वास्तु दोष खत्म करने के लिए परकोटा सीधा करने जमीनों की आवश्यकता थी। जमीन का बैनामा करा लिया गया है। राम जन्म भूमि से सटे हुए फकीरे राम और कौशल्या भवन दो मंदिरों के ट्रस्ट ने बैनामा कराया है। पश्चिम में परकोटे के कोने को सीधा करने के लिए इस जमीन की आवश्‍यता था।

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