World Rhino Day: काजीरंगा के बाहर दुधवा टाइगर रिजर्व गैंडों के लिए बना आशियाना

देश
ललित राय
Updated Sep 22, 2020 | 20:36 IST

एक सींग वाले गैंडों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। अगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो दुधवा टाइगर रिजर्व की तरफ से इनके संरक्षण के लिए खास पहल की गई है।

World Rhino Day: काजीरंगा के बाहर दुधवा टाइगर रिजर्व गैंडों के लिए बना आशियाना
यूपी में दुधवा टाइगर रिजर्व एक सींग वाले गैंडों का बना आशियाना  |  तस्वीर साभार: फेसबुक
मुख्य बातें
  • असम में काजीरंगा पार्क एक सींग वाले गैंडों का मूल निवास
  • पश्चिम बंगाल और असम के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व एक सींग वाले गैंडों का आशियाना, दुधवा में इस समय 40 से अधिक गैंडे
  • पूरी दुनिया में करीब 3700 एक सींग वाले गैंडे, भारत में अकेले तीन हजार

नई दिल्ली। दुधवा टाइगर रिजर्व अब अधिक लुप्तप्राय अनुसूची 1 में शामिल एक सींग वाले गैंडों का घर बन चुका है, इस टाइगर रिजर्व में एक सींग वाले 40 गैंडे हैं। वैसे तो एक सींग वाले गैंडों की जब बात आती है तो काजीरंगा नेशनल पार्क का नाम याद आता है। लेकिन गैंड़ों के संरक्षण की जो पहल दुधवा टाइगर रिजर्व की तरफ से की गई वो अपने आप में अलग है। 

दुधवा टीआर ने भी रचा इतिहास
असम और पश्चिम बंगाल के बाहर उत्तर प्रदेश एक ऐसा भौगोलिक जगह है कि जहां गैंडों का संरक्षण किया जा रहा है और दुधवा टाइगर रिजर्व उन गैंडों े लिए आशियाना बना।  दलदली तराई के वेटलैंड्स में पहले गैंडों के लिए उपयुक्त जगह होते थे। लेकिन वेटलैंड्स के सफाए के बाद 1984 में दुधवा टीआर में 27 वर्ग किलोमीटर के घने इलाके को गैंडों के रहने के योग्य बनाया गया। टीम दुधवा द्वारा की गई कड़ी निगरानी और कड़ी मेहनत के कारण पहले सात गैंडों से की गई शुरुआत का बेहतर नतीजा सामने आया और अब वन हॉर्न राइनो की संख्या 42 तक पहुँच गई है।


गैंडों को बचाना समय की मांग

2017 में भदी ताल स्थित कोर रिजर्व एरिया में 14 वर्ग किमी का एक इलाका जोड़ा गया । आज समय की मांग है कि गैंडों को बचाने के लिए अवैध शिकार पर अंकुश रखा जाए, गैंडों के लिए इस तरह के सुरक्षित ठिकाने बनाए जाएं ताकि उन्हें किसी भी बड़ी बीमारी या आपदा की चपेट में आने से बचाया जा सके। 

3700 में से 3 हजार गैंडे भारत में
स्तनधारी 50 मिलियन वर्षों तक जीवित रहे हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि बेहतर संरक्षण के जरिए हम एक सींग वाले गैंडों को बचा सकें। अगली पीढ़ी के लिए इन विशेष प्राणियों अस्तित्व को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। 3700 वन सींग वाले गैंडों की आबादी में से, भारत अकेले उनमें से 3000 हैं। पृथ्वी पर चलने वाले इन जादुई शानदार प्राणियों की रक्षा करने के लिए हम सब पर अधिक जिम्मेदारी है। 

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