कोरोना के कोहराम से दुनिया घुटनों के बल पर है। अलग अलग मुल्कों में कोरोना अपना रुप बदलकर हमला कर रहा है। इन सबके बीच आज भी वही सवाल हर कोई एक दूसरे से पूछते हैं कि कोरोना वायरस आखिर आया कहां से। पश्चिम के मुल्क तो चीन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन कोरोना वुहान के लैब में पैदा किया गया या सीफूड मार्केट में पनपा था। इस विषय पर शोध करने वाले भारतीय डॉक्टर कपल का मानना है कि उनके पास कुछ ऐसे साक्ष्य हैं जिसके मुताबिक सार्स कोव-2 यानि कोविड वायरस चीन की वुहान लैब में ही पैदा किया गया था।
मौजूदा स्ट्रेन के लिए वुहान के लैब जिम्मेदार
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अलावा वुहान के दूसरे लैब भी वायरस पर प्रयोग कर रहे है और संदेह यह है कि उन्होंने वायरस के जीनोम में कुछ बदलाव भी किए हैं और यह हो सकता है कि मौजूदा वायरस उसी का नतीजा हो। पुणे के रहने वाले डॉ राहुल बहुलिकर और डॉ मोनाली राहल्कर ने कहा कि उन्होंने जो षड़यंत्र वाली थ्योरी दी हालांकि कुछ लोगों ने खारिज कर दिया था एक बार उसे बल मिला है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने जांच करने का आदेश दिया है। डॉ राहल्कर कहती हैं कि वो पुख्ता तौर पर नहीं जानती कि वायरस को लीक किया गया था। लेकिन जिस दिशा में उनका शोध आगे की ओर बढ़ रहा है उससे पता चलता है कि वायरल को लीक किया गया होगा।
डॉक्टर कपल बोले- अप्रैल 2020 में रिसर्च शुरू की
डॉक्टर कपल का कहना है कि अप्रैल 2020 में उन लोगों ने रिसर्च की शुरुआत की और यह पाया कि SARS-CoV-2, RATG13 कोरोना वायरस को वुहान की लैब ने दक्षिण चीन के यून्नान प्रांत के मोजिएंग माइनिंग से इकट्ठा किया था। इसके साथ ही हमें यह भी पता चला कि माइनशैफ्ट में चमगादड़ों का बसेरा था और उस शैफ्ट को साफ करने के लिए 6 मजदूर लगाए गए जो न्यूमोनिया की तरह किसी बीमारी का शिकार बन गए।
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