EDs Government: हां, महाराष्ट्र में 'ED की सरकार' है, देवेंद्र फडणवीस ने ऐसा क्यों कहा, जानें इसका मतलब-VIDEO 

देश
रवि वैश्य
Updated Jul 04, 2022 | 14:04 IST

Devendra Fadnavis on ED: हां, महाराष्ट्र में 'ईडी की सरकार' है, देवेंद्र फडणवीस ने फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद विपक्ष को इसका मतलब समझाया।

Devendra Fadnavis on ED
देवेंद्र फडणवीस ने फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद विपक्ष को इसका मतलब समझाया 

ED government in Maharashtra: शिंदे-फड़णवीस गुट ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया है। शिंदे गुट को 164 वोट मिले आदित्य ठाकरे ने व्हिप के खिलाफ जाकर वोट किया है उन पर निलंबन की कार्यवाही हो सकती है वहीं उद्धव गुट को एक और झटका लगा है। फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले उनका एक और विधायक श्यामसुंदर शिंदे ने पाला बदल लिया  है। कल से अब तक उद्धव के दो विधायक शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। 

सदन को संबोधित करते हुए देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे एक कट्टर शिवसैनिक है। फ्लोर टेस्ट में दूसरी पार्टियों के विधायकों ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया है। इसके लिए वह उन विधायकों को धन्यवाद देते हैं। सदन में उद्धव गुट के पांच विधायक नहीं पहुंचे जबकि एआईएमआईएम एवं सपा विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 

देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में वोटिंग के दौरान ED के नारे लगाए जाने पर कहा कि हां महाराष्ट्र में ईडी की मदद से सरकार बनी है। इसमें E मतलब Eknath Shinde और D मतलब Devendra Fadnavis है।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज वापस आया हूं और एकनाथ शिंदे को अपने साथ लाया हूं। मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। मैं उन्हें माफ कर दूंगा, राजनीति में हर बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि मैं घर पर भी बैठ जाता अगर पार्टी मुझसे कहती लेकिन उसी पार्टी जिसने मुझे सीएम बनाया उसी के आदेश के अनुसार डिप्टी सीएम बना हूं।

"हमें उचित तरीके सेआलोचना का जवाब देना चाहिए"

फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि  पिछली कैबिनेट ने (2 शहरों के) नाम बदलने का फैसला लिया था, हम उसको बरकरार रखेंगे क्योंकि हम इस पर समान विचार रखते हैं। हमें उन फैसलों की फिर से पुष्टि करनी होगी क्योंकि उस समय कैबिनेट नियमों के अनुसार नहीं थी, राज्यपाल ने पहले ही फ्लोर टेस्ट के लिए कहा था। राजनीति में विरोधियों की आवाज सुनने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। हमने देखा कि सोशल मीडिया पर बयान देने और पोस्ट करने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया गया। हमें उचित तरीके सेआलोचना का जवाब देना चाहिए।  

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