रौनाही में मस्जिद के लिए योगी सरकार ने दी 5 एकड़ जमीन, अयोध्या से इतनी दूर है यह जगह

देश
आलोक राव
Updated Feb 05, 2020 | 14:37 IST

Raunahi: बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मंजूरी दी है।

रौनाही में मस्जिद के लिए योगी सरकार ने दी 5 एकड़ जमीन, अयोध्या से इतनी दूर है यह जगह, Yogi government allotts five acres of land for construction of mosque near Ayodhya
अयोध्या जिले में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने गत 9 नवंबर को सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
  • विवादित जमीन पर राम लला का हक बताया, मुस्लिमों के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया
  • योगी सरकार ने अयोध्या जिले में सोहावल तहसील के गांव धन्नीपुर में आवंटित की जमीन

नई दिल्ली: अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहल कर दी है। यूपी सरकार ने रौनाही में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि देने का फैसला किया है। यह स्थान अयोध्या से करीब 20 किलोमीटर दूर लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर स्थित है। मुस्लिम पक्ष को मिलने वाली यह जमीन लखनऊ राजमार्ग पर सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में है। यह इलाका मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।

बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को मंजूरी दी है। पीएम ने बताया कि इस ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा और यह स्वायत्त तरीके से काम करेगा। इसके थोड़ी देर बाद योगी सरकार ने भी रौनाही में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने की घोषणा की। सुन्नी वक्फ बोर्ड को भूमि देने के प्रस्ताव पर योगी कैबिनेट ने बुधवार सुबह मुहर लगाई। 

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के गत नौ नवंबर के फैसले के अनुरूप है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को विवादित भूमि से अलग अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या ने कहा, 'जय श्री राम, हो गया काम।' इस बीच सुन्नी वक्फ बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के इस फैसले पर बोर्ड की बैठक में चर्चा के बाद कोई प्रतिक्रिया दी जाएगी।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा ट्र्स्ट का नाम
लोकसभा में इस न्यास के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया गया है। न्यास का नाम ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा और यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र। 

बोर्ड जमीन लेता है तो यह मुसलमानों का फैसला नहीं
इस बीच, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना यासीन उस्मानी ने कहा कि बोर्ड, उससे जुड़ी प्रमुख तंजीमों और लगभग सभी मुसलमानों का फैसला है कि हम अयोध्या में मस्जिद के बदले कोई और जमीन नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मुसलमानों का नुमाइंदा नहीं है। वह सरकार की संस्था है। बोर्ड अगर जमीन लेता है तो इसे मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिए।

हमारे मॉडल पर हो मंदिर का निर्माण-विहिप
केंद्र और योगी सरकार के इस फैसले पर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव ने कहा कि उन्हें नवगठित ट्रस्ट से यही अपेक्षा है कि राम जन्मभूमि पर उसी मॉडल के मुताबिक भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा जो राम जन्मभूमि न्यास ने पहले से तैयार कर रखा है। इस मॉडल के मुताबिक कई खंभों आदि का निर्माण भी हो चुका है जिन्हें भव्य राम मंदिर की कल्पना को ध्यान में रखते हुए आकार दिया गया है।

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