योगी मॉडल से घूमेगा विकास का पहिया! निवेश बढ़ाने के लिए उठाया बड़ा कदम

देश
आलोक राव
Updated May 08, 2020 | 17:05 IST

Yogi model to revive india growth: राज्य में बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को सरकार एक बार फिर पूरी ताकत से शुरू कराना चाहती है। इसके लिए कारोबार एवं उद्योग के अनुकूल स्थितियों का निर्माण किया जा रहा है।

Yogi model to revive india growth up government eyes on attract investment
निवेश आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए योगी सरकार ने 35 श्रम कानूनों को खत्म किया
  • योगी सरकार विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए यूपी लाना चाहती है, अमेरिकी कंपनियों पर नजर
  • कोविड-19 संकट की वजह से चीन छोड़ रही कंपनियों पर है योगी सरकार की नजर

लखनऊ : कोविड-19 के संकट से बंद बड़े पड़े उद्योग धंधे को दोबार पटरी पर लाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली कैबिनेट ने तीन सालों के लिए ज्यादातर श्रम कानूनों को समाप्त करने वाले अध्यादेश को मंजूरी दी। राज्य में उद्योग धंधे को उबारने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार अन्य प्रदेशों से पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए भी एक बड़ी योजना पर काम कर रही है। 

निवेश बढ़ाने के लिए 35 श्रम कानून खत्म 
राज्य में बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को सरकार एक बार फिर पूरी ताकत से शुरू कराना चाहती है। इसके लिए कारोबार एवं उद्योग के अनुकूल स्थितियों का निर्माण किया जा रहा है। 38 श्रम कानूनों में से 35 कानूनों को खत्म करने का फैसला इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, योगी सरकार के इस कदम की विपक्ष आलोचना भी कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि श्रम कानूनों के खत्म होने से नियोक्ताओं के पास सारे अधिकार चले जाएंगे। हालांकि विपक्ष की आशंकाओं को सरकार ने यह कहते हुए खारिज किया है कि यह प्रावधान स्थाई नहीं हैं और इससे मजदूर एवं कर्मचारी लाभान्वित होंगे। 

विदेशी कंपनियों को यूपी लाने की कवायद
राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के साथ योगी सरकार की नजर उन विदेशी कंपनियों पर हैं जो कोविड-19 संकट की वजह से चीन छोड़ रही हैं या छोड़ चुकी हैं। कुछ दिनों पहले  लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग मंत्री  सिद्धार्थ नाथ सिंह की वेबीनॉर के जरिए अमेरिकी कंपनियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में अमेरिकी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करनी अपनी इच्छा जताई। सिंह ने इस बैठक के बाद बताया कि अमेरिकी कंपनियां अपने नए कारोबारी ठिकाने के रूप में उत्तर प्रदेश को देख रही हैं क्योंकि यहां उद्यम के लिए जरूरी स्किल्ड मैनपावर और अनुकूल कारोबारी माहौल है। 

स्किल्ड प्रवासी मजदूरों की कुशलता का उपयोग
लॉकडाउन की वजह से दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश लौटने लगे हैं। योगी सरकार इन सभी मजदूरों एवं श्रमिकों को अपने यहां रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। यह समिति प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए योजना पेश करेगी। योगी सरकार का मानना है कि लाखों की संख्या में प्रदेश वापस लौटने मजदूरों में ऐसे श्रमिकों की संख्या भी है जो स्किल्ड है। सरकार की इन स्किल्ड श्रमिकों की कुशलता का उपयोग करना चाहती है। जाहिर है कि इससे कंपनियों, कारखानों एवं श्रमिकों दोनों को फायदा पहुंचेगा।  

नियोक्ता और मजदूर के अधिकार में संतुलन जरूरी
श्रम कानूनों को खत्म करने के कदम की आलोचना विपक्ष कर रहा है। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा नेता अनिला सिंह ने टाइम्स नाउ से कहा कि कहा कि यह स्थायी व्यवस्था नहीं है। संकट की वजह से उद्योग धंधें ठप पड़े हैं। इसलिए इसे दोबारा चालू करने के लिए श्रम कानूनों से राहत दी गई है। कारखाने और फैक्ट्रियां मजदूरों के अभाव में नहीं चल सकतीं। उन्होंने कहा कि नियोक्ता और कर्मचारी दोनों दो पहिए हैं दोनों को साथ-साथ चलना होता है। योगी जी ने श्रमिकों के हित में फैसला किया है। श्रम कानूनों के विशेषज्ञों का कहना है कि नियोक्ता और कर्मचारी/ मजदूरों के अधिकारों के बीच एक संतुलन होना चाहिए। यह एकतरफा नहीं होना चाहिए।

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