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Farmers Protest : चिल्ला बार्डर जाम करने का ऐलान, सरकार बोली- असली संगठनों से करेंगे बातचीत

Farmers Protest Updates: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वे अपना आंदोलन तब तक समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि सरकार कानूनों को रद्द नहीं कर देती। किसानों के कड़े रुख को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार तीनों कानूनों के एक-एक प्रावधान पर बातचीत के लिए तैयार है। इसके साथ ही किसानों ने चिल्ला बार्डर जाम करने का ऐलान किया है।

देश
आलोक राव
Updated Dec 15, 2020 | 11:09 PM IST
 Farmers Protest Updates
तस्वीर साभार:  ANI
किसान संगठन बोले- कृषि कानून की वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा

किसानों के प्रदर्शन पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि कृषि सुधार से जुड़े इतने बड़े कदम पर सरकार ने किसानों से बातचीत किए बैगर ये कानून बनाए। सिंघु बार्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि पिछले 20 दिन में 20 किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। अगर उनके आंदोलन को देखा जाए तो पूरे देश में जो संदेश पहुंचना चाहिए था वो धीरे धीरे पहुंच रहा है। किसान अपनी बात को उचित जगह पर रखने में कामयाब रहे हैं।

Dec 15, 2020  |  11:04 PM (IST)
कृषि कानून पर किसान और सरकार दोनों अपनी अपनी बात पर अड़े

सिंघु बार्डर पर किसान संगठनों ने कहा कि वो अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। उनकी स्पष्ट मांग है कि सरकार सबसे पहले कृषि कानूनों को वापस ले उसके बाद ही बातचीत का अर्थ है। किसान संगठनों ने कहा कि पिछले 20 दिन के आंदोलन को अगर देखें तो एक बात साफ है कि देश भर में वो अपनी बातों को पहुंचाने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही कहा कि बुधवार को चिल्ला बार्डर जाम करेंगे। इसके साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार असली किसान संगठनों से बातचीत करेगी। इसके साथ एक बार फिर उन्होंने दोहराया कि बातचीत के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है

Dec 15, 2020  |  07:37 PM (IST)
भारतीय किसान यूनियन (किसान) ने कृषि कानून का किया समर्थन

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंगलवार को किसान उनसे मिले और कहा कि वो लोग तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि वे बिल और सरकार के साथ हैं। चूंकि कुछ किसान गलत धारणा फैला रहे हैं इसलिए उन्हें भी गुमराह किया गया। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने बिलों का स्पष्ट समर्थन किया। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने कहा कि वो जिला मुख्यालयों पर किसानों के भ्रम को दूर करेंगे। 

Dec 15, 2020  |  07:22 PM (IST)
शिवराज सिंह चौहान बोले- मंडिया चालू रहेंगी

भोपाल में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंडियां चालू रहेंगी। कोई मंडी बंद नहीं होगी। हम मंडियों के बुनियादी ढांचे और व्यवस्था में सुधार करेंगे। लेकिन अगर कोई मंडी के बाहर भी (अपनी उपज) बेचता है, तो हम उन्हें लाइसेंस प्रदान करेंगे। किसान मंडी या इसके बाहर बेच सकते हैं, जैसा वे चाहते हैं:

Dec 15, 2020  |  07:00 PM (IST)
'कृषि कानून के खिलाफ लड़ाई में 20 किसान शहीद, हर दिन औसतन एक किसान की हुई मौत'

किसान नेताओं कहना है कि अब तक विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 20 किसान ‘शहीद’ हो गए। प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई ।आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों, प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे। किसान नेता इंद्रजीत ने कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गयी है, जहां हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं , सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेताओं ने कहा ।हम वार्ता से नहीं भाग रहे, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा ।

किसान नेता जगजीत डल्लेवाल का कहना है कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगेय़ सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा, किसानों ने 150 टोल प्लाजा को ‘मुक्त’ कराया।

Dec 15, 2020  |  06:12 PM (IST)
10, 10 ग्राम की जहर की पुड़िया हैं केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून

सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं जिसमें सरकार की नीति पर सवाल उठाए गए। किसान संगठनों का है कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक काला कानून वापस नहीं लिया जाता है। नेताओं का कहना है कि पहले सरकार यह कह रही थी कि आंदोलन सिर्फ पंजाब का है लेकिन जिस तरह से बीजेपी देशभर में चौपाल कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है उससे साफ है कि उनको आंदोलन के फैलाव के बारे में पता चल चुका है। नये कृषि कानून 10 10 ग्राम जहर की पुड़िया की तरह है जिसमें सरकार 2, 2 ग्राम जहर निकालने की बात कह रही है। लेकिन जहर तो जहर है उससे किसी को जिंदगी कहां हासिल होती है।

Dec 15, 2020  |  05:43 PM (IST)
कृषि मंत्री से मिले बीकेयू (किसान) के सदस्य

किसान आंदोलन का 20वां दिन है। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध मुखर है, हालांकि सरकार की तरफ से बार बातचीत की पेशकश की जा रही है। इन सबके बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भारतीय किसान यूनियन (किसान) के सदस्यों ने कृषि भवन में मुलाकात की और अपनी बातों को रखा।

Dec 15, 2020  |  05:39 PM (IST)
'किसानों के आंदोलन से प्रोडक्शन पर असर'

कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन हरियाण के सदस्य धीरज चौधरी का कहना है कि किसानों के विरोध ने कच्चे माल का परिवहन, उत्पादन के लिए सहायक उपकरण और उससे बाहर तैयार माल को असंभव बना दिया। 30% कार्यबल और कोई कच्चे माल के साथ, उद्योग बंद होने के कगार पर है। प्रोडक्शन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। 

Dec 15, 2020  |  05:33 PM (IST)
अब तो पाकिस्तान भी दखल देने की कोशिश कर रहा है

किसान का मुद्दा गंभीर बन चुका है। इसमें पाकिस्तान भी दखल देने की कोशिश कर रहा है। इन सब को देखते हुए मैंने यह गुहार लगाई थी कि संसद का सत्र बुलाया जाए और किसानों के मुद्दों के ऊपर चर्चा कर हल निकाला जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह से हठधर्मिता पर उतारू है उससे किसी का भला नहीं होने वाला है। अच्छा होता कि सरकार संवेदनशीलता के साथ किसानों के मुद्दे पर ध्यान देती। लेकिन मुझे लगता है कि सरकार नहीं चाहती किसी भी हालत में सदन चले। सदन चलते ही किसानों के मुद्दे सामने आ जाएंगे।

Dec 15, 2020  |  01:15 PM (IST)
कृषि कानून पर देश को गुमराह कर रही सरकार : भाकियू

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के एक नेता ने सरकार पर पलटवार करते हुए नये कृषि कानून को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार ने किसानों के हित में कानून बनाने से पहले विरोध के बावजूद किसानों की राय नहीं ली क्योंकि सरकार इन कानूनों के माध्यम से कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाना चाहती है। उधर, सरकार का कहना है कि नये कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए है लेकिन कुछ लोग इसे कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के नाम पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन में शामिल भाकियू के हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने मंगलवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार खरबों रुपये के एग्रो बिजनेस को कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है।

Dec 15, 2020  |  10:56 AM (IST)
सिंघु बॉर्डर पर आरएएफ तैनात

किसानों के आंदोलन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को तैनात कर दिया गया है। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि प्रदर्शनस्थल पर साफ-सफाई नहीं है। संगरूर से आए किसान भाग सिंह का कहना है कि शौचालयों में प्रशासन पानी उपलब्ध नहीं करा रहा है। हम बीमारी से यहां दम तोड़ देंगे लेकिन अपनी मांगें पूरी करवाए बगैर यहां से नहीं जाएंगे।

Dec 15, 2020  |  09:56 AM (IST)
टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन जारी

टीकरी एवं सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। यहां किसानों का प्रदर्शन मंलवार को 20वें दिन में प्रवेश कर गया। किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार का कहना है कि वह कानूनों के प्रत्येक प्रावधानों पर बातचीत के लिए तैयार है।

Dec 15, 2020  |  09:14 AM (IST)
'सर्दी में हो रही परेशानी लेकिन पीछे नहीं हटेंगे'

दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर गाजीपुर में किसानों का धरना अपने 18वें दिन में प्रवेश कर गया है। यहां किसानों का कहना है कि सर्दी बढ़ जाने के बाद उन्हें परेशानी हो रही है लेकिन वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। 80 साल की एक प्रदर्शनकारी राम कली का कहना है, 'हमें यहां कई तरह की परेशानी हो रही है। हम यहां आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि हमें न्याय चाहिए।'

Dec 15, 2020  |  08:30 AM (IST)
कुछ तत्व किसानों को गुमराह कर रहे हैं-गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि किसानों को सरकार के साथ बातचीत कर कानूनों को समझना चाहिए। हमारी सरकार किसानों के भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और उनके सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। हमारी सरकार में किसानों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होगा। प्रदर्शनकारियों में कुछ ऐसे तत्व हैं जो उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। यह गलत है। किसानों को कानूनों को समझने की जरूरत है। मुझे नहीं लगता कि किसानों के प्रदर्शन में अन्ना हजारे जी शामिल होंगे। किसान जिसे चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं, यह उनका अधिकार है। सरकार किसानों के साथ बातचीत कर एक रास्ता निकालेगी।
Dec 15, 2020  |  08:30 AM (IST)
 केजरीवाल और अमरिंदर के बीच ट्विटर पर हुई बहस

केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच ट्विटर पर बहस हो गई। दरअसल सिंह ने रविवार को चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखने की घोषणा को ‘नाटक’ बताया था जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।

Dec 15, 2020  |  08:30 AM (IST)
किसानों ने लोगों से 'हाथ जोड़कर' 'माफी' मांगी

किसानों के संगठन ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के चलते बीते कई दिनों से कुछ प्रमुख सड़कें बंद होने से लोगों को हो रही असुविधा के लिये सोमवार को ''हाथ जोड़कर'' माफी मांगी और कहा कि उन्हें ''मजबूरी में'' प्रदर्शन करना पड़ रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी ओर से खेद प्रकट करने के लिये हरियाणा-राजस्थान सीमा के निकट जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर यात्रियों को हिंदी में लिखे पर्चे बांटे।