LIVE BLOG
More UpdatesMore Updates

Cyclone Asani : IMD का अनुमान-उत्तर अंडमान में हो सकती है भीषण बारिश, 36 घंटे अहम

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि दबाव बंगाल की खाड़ी के समीप अंडमान सागर के उत्तर में है। दबाव के क्षेत्र के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। आईएमडी का कहना है कि यह दबाव तीव्र होकर आज शाम तक चक्रवात का रूप ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसे 'आसनी' के नाम से जाना जाएगा। साल 2022 में भारत में यह पहला चक्रवात होगा। इस चक्रवात का नामकरण श्रीलंका ने किया है।

Cyclone Asani
तस्वीर साभार:  ANI
चक्रवात आसनी

चक्रवात के अनुमान को देखते हुए एनडीआरएफ की कई टुकड़ियां सहायता उपकरणों के साथ अंडमान के अलग-अलग इलाकों में तैनात की गई हैं। इसके अलावा सेना, वायु सेना और नौसेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अंडमान एवं निकोबार के द्वीपों पर पर्यटन गतिविधियां स्थगित की गई हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। तटों के आस-पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इससे पहले आईएमडी ने कहा कि चक्रवात 'आसनी' के अंडमान-निकोबार के तटों से टकराने की संभावना काफी कम है। विभाग का कहना है कि उत्तरी अंडमान सागर पर दबाव का क्षेत्र गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल गया और यह 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है-

Mar 21, 2022  |  02:43 PM (IST)
प्रतिघंटे 20 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ा दबाव 

आईएमडी के अधिकारी आरके जेनामणि ने कहा कि उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर बना दबाव अब गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इसने पिछले छह घंटे में प्रतिघंटे 20 किलोमीटर की रफ्तार से दूरी तय की  है। अभी यह उत्तर अंडमान सागर एवं दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर है। 

Mar 21, 2022  |  02:28 PM (IST)
उत्तर अंडमान में भीषण बारिश हो सकती है
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि अंडमान एवं पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी सहित सभी समुद्री इलाकों में कड़ी चेतावनी जारी की गई है। उत्तर अंडमान के कुछ जगहों पर भारी से अत्यंत भीषण बारिश होने का अनुमान है। निकोबार द्वीप पर ज्यादा बारिश होने की संभावना कम है। ये अनुमान अगले 36 घंटे के लिए हैं। 
Mar 21, 2022  |  01:40 PM (IST)
काफी ऊंची उठ सकती हैं समुद्र की लहरें

मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों का मानना है कि तूफान के तटीय इलाकों से गुजरने के दौरान समुद्र की लहरें काफी ऊंची उठ सकती हैं। इसे देखते हुए अंडमान में अधिकारियों ने अगले दो दिनों तक पर्यटन एवं मछली पकड़ने की सभी गतिविधियों पर रोक लगाई है। 

Mar 21, 2022  |  01:28 PM (IST)
राहत कैंपों में लोगों को रखा गया

अधिकारियों का कहना है कि निचले इलाकों एवं बाढ़ वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालकर उत्तर, मध्य अंडमान एवं साउथ अंडमान जिलों में अस्थाई रूप से बने राहत कैंपों में रखा गया है। 

Mar 21, 2022  |  01:25 PM (IST)
चक्रवात में बदल सकता है दबाव का क्षेत्र 

उत्तरी अंडमान सागर पर बने दबाव के क्षेत्र के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। दबाव का यह क्षेत्र शाम तक चक्रवात में बदल सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, उत्तरी अंडमान सागर पर दबाव का क्षेत्र गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल गया और यह 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है। आईएमडी ने बताया कि दबाव का क्षेत्र अंडमान द्वीप पर पोर्ट ब्लेयर से करीब 110 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में है और उसके सोमवार शाम तक चक्रवात में बदलने की संभावना है।

Mar 21, 2022  |  01:23 PM (IST)
म्यांमा की तरफ बढ़ेगा तूफान

आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा, ‘इसके अगले 48 घंटों के दौरान म्यांमा तट की ओर अंडमान द्वीप और उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है।’ अधिकारियों ने बताया कि निचले और बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को निकाल लिया गया है और उन्हें उत्तर तथा मध्य अंडमान और दक्षिण अंडमान जिलों में अस्थायी राहत शिविरों में ठहराया गया है। उन्होंने बताया कि खराब मौसम के कारण अंतरद्वीपीय नौका सेवाओं को रोक दिया गया है और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के करीब 150 कर्मियों को तैनात किया गया है और द्वीप के विभिन्न हिस्सों में छह राहत शिविर खोले गए हैं।
 

Mar 21, 2022  |  01:23 PM (IST)
तीनों जिलों में नियंत्रण कक्ष खोले गए

केंद्र शासित प्रदेश के सभी तीनों जिलों में नियंत्रण कक्षों को भी खोला गया है। मौसम कार्यालय ने अगले दो दिनों तक सभी पर्यटन और मत्स्य पालन गतिविधियों को निलंबित करने की सलाह दी है। मछुआरों को सोमवार को दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी और सोमवार तथा मंगलवार को अंडमान सागर में न उतरने की सलाह दी गयी है।