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Farmers protest : किसान संघों के नुमाइंदों के साथ सरकार की सार्थक बातचीत का दावा

केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का गुस्सा चरम पर है। दिल्ली की सीमा पर पिछले चार दिन से डेरा जमाए बैठे हुए हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक कानून वापस नहीं विरोध जारी रहेगा। इस बीच किसानों से बातचीत के लिए सरकारी तंत्र में भी बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ सरकार की बातचीत हुई।

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध
तस्वीर साभार:  PTI
किसानों के विरोध की वजह से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद

कृषि कानूनों पर किसानों के बीच संशय को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधिमंडलों के बीच विज्ञान भवन में करीब साढ़े तीन घंटे तक बातचीत हुई लेकिन इस वार्ता में समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ अगली बातचीत तीन दिसंबर को होगी।

Dec 01, 2020  |  09:33 PM (IST)
किसान संघों के नुमाइंदों के साथ बातचीत अच्छी रही : तोमर
किसान संघों के नुमाइंदों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत सार्थक रही। हमने नेताओं से एक छोटा समूह बनाने और कानून के एक-एक प्रावधानों पर चर्चा करने की बात कही। सरकार को बातचीत से कोई परहेज नहीं है। किसानों संघों के प्रतिनिधियों के साथ चौथे दौर की वार्ता अब दिसंबर को होगी। तोमर ने कहा कि हमारी बातचीत टिकैत किसान यूनियन के नेताओं के साथ भी हुई। हमने उनसे लिखित में अपने मुद्दों को देने के लिए कहा है। टिकैत यूनियन के साथ हमारी अच्छी बातचीत हुई है।
Dec 01, 2020  |  08:52 PM (IST)
आंदोलन से दिल्लीवालों को नहीं हो रही है परेशानी :  जैन

दिल्ली सरकार का मानना है कि दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे किसान आंदोलन से दिल्ली में किसी तरह की परेशानी नहीं है। दिल्ली सरकार के मुताबिक किसान आंदोलन से दिल्ली के लोग किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं कर रहे हैं। साथ ही किसान आंदोलन से दिल्ली वालों की रोजमर्रा कि जिंदगी में कोई व्यवधान नहीं पड़ा है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने किसान आंदोलन के कारण दिल्ली और दिल्ली वालों को हो रही किसी भी परेशानी से इनकार किया है। इस विषय पर उन्होंने कहा, "हमें पहले उन किसानों का सोचना चाहिए जो 500 किलोमीटर दूर अपने घरों से चलकर अपनी बात और परेशानी बताने यहां आए हैं। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों की परेशानियों पर ध्यान देना चाहिए और उनसे बात कर के कृषि कानूनों में बदलाव या उनकी जो भी परेशानी है, उसे दूर करना चाहिए।"

Dec 01, 2020  |  08:20 PM (IST)
अब कृषि भवन में किसान नेताओं के साथ बैठक

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल कृषि भवन में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणआ के किसान नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। इससे पहले दोनों मंत्रियों की बैठक विज्ञान भवन में किसानों के 35 प्रतिनिधिमंडलों के साथ हुई। इस वार्ता में समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। अब किसानों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की अगली वार्ता तीन दिसंबर को होगी। 

Dec 01, 2020  |  07:44 PM (IST)
अच्छी रही आज की बैठक, आंदोलन जारी रहेगा: भंगू

बैठक के बाद ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि आज की बैठक अच्छी रही। मामले में कुछ प्रगति हुई है। हमारी सरकार के साथ अगली बातचीत तीन दिसंबर को होगी। इस बैठक में हम सरकार को बताएंगे कि कृषि कानून को कोई भी प्रावधान किसानों के हित में नहीं है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

Dec 01, 2020  |  07:01 PM (IST)
नहीं बनी बात, अब 3 को वार्ता
विज्ञान भवन में किसानों के 35 प्रतिनिधिमंडलों के साथ सरकार की आज की बातचीत बिना किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हो गई है। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ बैठक अच्छी रही। हमारी अगली बातचीत तीन दिसंबर को होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम चाहते थे कि बातचीत के लिए एक छोटी समिति बने लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं हुए। किसानों के प्रतिनिधिमंडलों का कहना है कि बातचीत सभी के साथ होनी चाहिए। हमें इससे कोई परेशानी नहीं है।' जबकि किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम सरकार से बुलेट अथवा एक शांतिपूर्ण समाधान जरूर लेंगे। हम बातचीत के लिए फिर आएंगे।
Dec 01, 2020  |  06:18 PM (IST)
चिल्ला बॉर्डर हुआ बंद
प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली यूपी लिंक रोड को बंद कर रहे हैं। इसे देखते हुए चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) को सील कर दिया गया है। सड़क बंद किए जाने के बाद दिल्ली यातायात पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। यातायात पुलिस ने कहा है कि नोएडा की तरफ जाने वाले लोग गाजीपुर/अक्षरधाम फ्लाईओवर से यूटर्न लेकर सराय काले खां मार्ग का इस्तेमाल करें।
Dec 01, 2020  |  05:40 PM (IST)
सरकार ने दिया समिति बनाने का प्रस्ताव

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। इस मसले को सुलझाने के लिए सरकार ने किसानों के सामने किसान संगठन समिति बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस समिति के लिए सरकार ने किसानों से चार-पांच नाम देने के लिए कहा है। इस समिति में सरकार के सदस्य एवं कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। यह समिति नए कृषि कानूनों पर बातचीत करेगी। 

Dec 01, 2020  |  05:28 PM (IST)
 किसानों के खिलाफ मामले वापस ले सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को मांग की कि तीनों कृषि कानूनों को तत्काल निलंबित किया जाए और किसानों के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाएं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "सरकार को खुले दिल से किसानों से बात करनी चाहिए और प्रधानमंत्री को तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निलंबित करने और किसानों के खिलाफ सभी मामलों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए।"

Dec 01, 2020  |  05:06 PM (IST)
एमएसपी पर प्रेजेंटेशन दे रही सरकार
नए कृषि कानूनों पर किसानों की आशंकाओं दूर करने के लिए सरकार की तरफ से उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एवं एपीएमसी पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दे रही है। किसानों के 35 प्रतिनिधिमंडलों के साथ सरकार की विज्ञान भवन में बैठक चल रही है। इस बैठक में सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल हिस्सा ले रहे हैं।
Dec 01, 2020  |  04:42 PM (IST)
किसानों के साथ गतिरोध दूर करने के लिए आगे आएं पीएम: गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलनरत किसानों को बातचीत के लिए बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही दिशा में उठाया गया कदम बताते हुए मंगलवार को कहा कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगे आना चाहिए। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘किसान यूनियनों को बातचीत के लिए केंद्र का आमंत्रण सही दिशा में उठाया गया कदम है लेकिन यह बहुत देरी से उठाया गया। इस आंदोलन को लेकर न केवल देश, बल्कि उन अन्य देशों में भी चिंता बढ़ रही है जहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री को अगुवाई करनी चाहिए। किसानों की उचित मांगें माननी होंगी।

Dec 01, 2020  |  04:26 PM (IST)
विचार-विमर्श के बाद सरकार समाधान निकालेगी: कृषि मंत्री तोमर

केंद्रीय मंत्रियों और 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच चल रही चल रही वार्ता के बीच सरकार ने मंगलवार को विश्वास जताया कि वह आंदोलनकारी किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के बाद किसी समाधान पर पहुंचेगी। यहां विज्ञान भवन में बैठक के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश, जो पंजाब के एक सांसद भी हैं, भी मौजूद थे। बैठक के लिए पहुंचे तोमर ने पत्रकारों से कहा, ‘हम उनके मुद्दों को हल करने के लिए चर्चा के लिए तैयार हैं। देखते हैं क्या निकलता है।’ उन्होंने आगे कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार किसी समाधान पर पहुंचेगी।

Dec 01, 2020  |  04:07 PM (IST)
हम मसले का हल चाहते हैं -टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि हम इस मसले पर सरकार की ओर से अंतिम समाधान चाहते हैं। हालांकि सरकार किसानों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत कर रही है।  

Dec 01, 2020  |  03:45 PM (IST)
विज्ञान भवन में बैठक शुरू

नए कृषि कानूनों पर बने गतिरोध का हल निकालने के लिए किसान संगठनों के 35 प्रतिनिधियों की सरकार के साथ विज्ञान भवन में बैठक शुरू हो गई है। सरकार की तरफ से इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल हिस्सा ले रहे हैं। सरकार की तरफ से बैठक की अगुवाई राजनाथ सिंह कर रहे हैं। बैठक शुरू होने से पहले केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि बातचीत के जरिए समस्या का हल निकालने की कोशिश की जाएगी। तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के प्रस्तावों को सुनेगी।

Dec 01, 2020  |  03:19 PM (IST)
सरकार के साथ बातचीत के लिए विज्ञान भवन पहुंचे किसानों के प्रतिनिधि
नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ बातचीत के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। इस बैठक में किसानों के 35 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भाग ले रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सरकार कृषि कानूनों को लेकर जो किसानों के मन में आशंकाएं हैं उन्हें दूर कर सकती है। सरकार की तरफ से बैठक की अगुवाई राजनाथ सिंह करेंगे।
Dec 01, 2020  |  02:52 PM (IST)
किसानों की ये हैं प्रमुख मांगे

केंद्र सरकार से किसान इन प्रमुख मांगों पर चर्चा करने वाले हैं।सबसे पहले तीनों कृषि कानूनों को तत्काल हटाया जाए।एमएसपी और खरीद को संशोधन के दायरे में लाया जाए।इलेक्ट्रिसिटी अध्यादेश न लाया जाए अगर ऐसा होता होगा तो सब्सिडी कंपोनेंट में 20 फीसद की कमी आ जाएगी।पराली जलाने पर किसानों को दंड न दिया जाएतत्काल प्रभाव से किसानों पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को हटाया जाए। 

Dec 01, 2020  |  02:41 PM (IST)
किसानों के प्रदर्शन में भीम आर्मी शामिल

दिल्ली यूपी बॉर्डर पर भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ऊर्फ रावण किसानों के प्रदर्शन में शांंमिल हुए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को मानने की बजाए दमन का रास्ता अपना रही है। जब तक केंद्र सरकार अन्नदाताओं की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं करती है तब तक वो इस आंदोलन को समर्थन देते रहेंगे। 

Dec 01, 2020  |  01:36 PM (IST)
किसान आंदोलन की आंच खट्टर सरकार पर

निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने खट्टर सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार की तरफ से बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गई है उससे वो आहत हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सूरत में किसान विरोधी सरकार को समर्थन देना लोगों के साथ धोखा होगा। उन्हें ऐसा लगा कि खट्टर सरकार को अब समर्थन देने की आवश्यकता नहीं है। 

Dec 01, 2020  |  01:21 PM (IST)
3 बजे सरकार के साथ बैठक में शामिल होंगे किसान संगठन

ऐसा लग रहा है कि किसान संगठनों ने भी अपने सुर में नरमी लाई है। किसान संगठनों ने सरकार के साथ बैठक में शामिल होने का फैसला किया है। पहले देश भर के सभी संगठनों को बुलाए जाने की मांग थी। पंजाब किसान यूनियम के स्टेट प्रेसिडेंट आर एस मंशा ने कहा कि वो बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। 

Dec 01, 2020  |  12:35 PM (IST)
भारत के अंदरूनी मामले में कनाडा का दखल

दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हुए हैं। उन्हें केंद्र सरकार के कानून पर ऐतराज है। इन सबके बीच कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस मुद्दे पर बयान देकर भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत में किसान अपने विरोध का दर्ज करा रहे हैं वो हमारे लिए भी माएने रखता है। लेकिन विरोध के तमाम शांतिपूर्ण तरीके हैं जिसका इस्तेमाल करना चाहिए। 

Dec 01, 2020  |  12:23 PM (IST)
किसानों के समर्थन में कमल हासन

कृषि कानून को किसान एक तरफ काला कानून बताकर केंद्र सरकार के फैसले का  विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर सियासत करने का मौका मिल गया है। तमिलनाडु कीधरती से कमल हासन ने कहा के केंद्र की मोदी सरकार को जिद छोड़कर किसानों से इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए।