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Farmers Protest: किसानों को सुप्रीम कोर्ट का समिति बनाने का आदेश मंजूर नहीं, गतिरोध बरकरार

Farmers Protest : किसानों के आंदोलन पर केंद्र सरकार का कहना है कि किसी भी आंदोलन का अंत सिर्फ हां या नहीं से नहीं होता है। जहां तक किसान संगठनों की मांग है सरकार गंभीर है, एमएसपी और मंडी समिति के मुद्दे पर सरकार की मंशा साफ है। किसी भी कीमत पर इन दोनों व्यवस्थाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा।

देश
रवि वैश्य
Updated Dec 16, 2020 | 11:49 PM IST
FARMERS PROTEST
देश में जारी है किसानों का प्रदर्शन प्रदर्शनकारी किसान मुस्तैदी से विरोध पर डटे हैं

Farmers Protest Updates: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वे अपना आंदोलन तब तक समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि सरकार कानूनों को रद्द नहीं कर देती। इस बीच किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं।

Dec 16, 2020  |  11:49 PM (IST)
किसानों को सुप्रीम कोर्ट का समिति बनाने का आदेश मंजूर नहीं
आंदोलन में शामिल 40 किसान संगठनों में से एक राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में ऐसे पैनल के गठन के सरकार की पेशकश को ठुकराया है।स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव ने ट्विटर पर कहा है, ‘‘उच्चतम न्यायालय तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिकता तय कर सकता है और उसे ऐसा करना चाहिए। लेकिन इन कानूनों की व्यवहार्यता और वांछनीयता को न्यायपालिका तय नहीं कर सकती है। यह किसानों और उनके निर्वाचित नेताओं के बीच की बात है। न्यायालय की निगरानी में वार्ता गलत रास्ता होगा।’स्वराज इंडिया भी किसान आंदोलन के लिए गठित समूह संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल है और यादव फिलहाल अलवर में राजस्थान सीमा पर धरने पर बैठे हैं। ​टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) का कहना है कि इस वक्त नयी समिति के गठन का कोई मतलब नहीं है।सितंबर में आए तीन कृषि कानूनों को केन्द्र सरकार कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों के रूप में पेश कर रही है, जो बिचौलियों को खत्म कर देगी और किसानों को अपना फसल देश में कहीं भी बेचने की अनुमति देगी।संयुक्त किसान मोर्चा ने केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखकर विवादास्पद कानूनों पर अन्य किसान संगठनों के साथ ‘समानांतर वार्ता’ करना बंद करने की मांग की है।
Dec 16, 2020  |  08:40 PM (IST)
किसी भी आंदोलन का अंत हां या नहीं, बातचीत ही सिर्फ रास्ता

कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के साथ सरकार लगातार बातचीत कर रही है। हम 6 दौर की वार्ता कर चुके हैं लेकिन 'हां / नहीं' किसी भी आंदोलन का अंत नहीं है।  सरकार लिखित में देने को तैयार है कि हम एमएसपी पर खरीदारी करना जारी रखेंगे। किसान एपीएमसी बाजारों के बाहर और साथ ही अंदर भी उपज बेच सकते हैं। वामपंथी और विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन में घुसपैठ की है और किसानों को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि बच्चों को झूठी कहानी फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि समझौता जमीन के लिए नहीं फसल के लिए है:

Dec 16, 2020  |  05:32 PM (IST)
'सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के मुताबिक काम करेंगे'
वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश का कहना है कि किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का स्वागत करते हैं जिसमें किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के कमेटी गठन का निर्णय है। इसके जरिए किसानों की समस्या को जल्द सुलझाने में मदद मिलेगी। किसान और सरकार दोनों कमेटी में अपने सुझावों और विचारों को रखेंगे। इस संबंध में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का जो भी अंतिम फैसला आएगा उसके अनुसार काम करेंगे।
Dec 16, 2020  |  05:04 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी किसानों की नैतिक जीत

AIKSCC का कहना है कि अधिनियमों के हटने के बाद ही SC सलाह समिति उपयोगी होगी। सरकार को SC की सलाह किसानों की नैतिक जीत है। दिल्ली में आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक 3 अधिनियम और EB 2020 वापस नहीं ले लिए जाते। किसान हमेशा अपने मुद्दों को समझाने के लिए तैयार रहते हैं। SC आदेश का अध्ययन करने के बाद विस्तृत विचार।  प्रधानमंत्री ने राष्ट्रों को उनकी भूमि को प्रभावित नहीं करने, एमएसपी के बारे में गलत जानकारी दी; "किसानों को बेवकूफ बनाने वाले विपक्ष" का आह्वान करके वास्तविक मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना।दुग्ध उत्पादन सरकार द्वारा समर्थित सहकारी समितियों द्वारा, बाद में निजी क्षेत्र ने दुग्ध उत्पादकों को नुकसान पहुंचाया।20 दिसंबर को 30 शहीदों के लिए श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाया जाएगा।एमपी के किसानों ने राज्य के कृषि मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का विरोध किया, उनके पुतले को जलाकर बीज कंपनी के पक्ष में।बड़वानी के आदिवासियों ने 3 कानूनों के खिलाफ विरोध जारी रखा।

Dec 16, 2020  |  03:19 PM (IST)
'आखिर किस आधार पर कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं राहुल गांधी'

रीवा में किसान सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर वो  किस आधार पर खेत कानूनों का विरोध कर रहे हैं। क्या वह किसानों के बारे में कुछ समझते हैं? क्या वह जानता है कि खेती क्या है? क्या वह मकई का पौधा बोने का सही तरीका भी बता सकते हैं? 

Dec 16, 2020  |  01:47 PM (IST)
किसानों के आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई


कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो किसानों के पक्ष को भी सुनना चाहते हैं कोर्ट ने सरकार-किसान और अन्य स्टेकहोल्डर्स की कमेटी बनाने को कहा है, चीफ जस्टिस (CJI) की अगुवाई वाली बेंच का कहना है कि राष्ट्रीय मुद्दा सहमति से सुलझना चाहिए, ऐसे में जल्द से जल्द कमेटी बनाकर चर्चा हो।

Dec 16, 2020  |  12:34 PM (IST)
नोएडा-दिल्ली चिल्ला बॉर्डर किसानों के प्रदर्शन से हुआ प्रभावित
किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण नाकेबंदी के कारण नोएडा-दिल्ली चिल्ला बॉर्डर पर यातायात बाधित हो गया है जिससे नोएडा से दिल्ली के बीच आवागमन बंद हो गया है।इस रास्ते से निकलने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
Dec 16, 2020  |  10:57 AM (IST)
नवजोत सिंह सिद्धू बोले- इंश्योरेंस के नाम पर किसानों को लूटने का काम हो रहा

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कृषि कानूनों के मसले पर वीडियो ट्वीट कर कहा कि इंश्योरेंस के नाम पर किसानों को लूटने का काम हो रहा है और कंपनियों को सीधा फायदा हो रहा है।
 

Dec 16, 2020  |  09:13 AM (IST)
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को जाम करेंगे प्रदर्शनकारी किसान

कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध जारी है किसान अपनी जिद पर अड़े हैं और आंदोलन बरकरार है, किसानों ने हाल ही में खुले चिल्ला बॉर्डर को फिर से बंद करने की चेतावनी दी है। सिंघु बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बुधवार को पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी है।

Dec 16, 2020  |  09:11 AM (IST)
आज किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई


सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को किसान आंदोलन से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, इनमें दिल्ली की सीमाओं पर भीड़ इकट्ठा करने, कोरोना वायरस के संकट को लेकर याचिका लगाई गई है,चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी।
 

Dec 16, 2020  |  09:10 AM (IST)
देशभर के गांवों में 20 दिसंबर को होगी श्रद्धांजलि सभा


बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कई किसानों की मौत हुई है कहा जा रहा है कि आगामी 20 दिसंबर को आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए देश भर के गांवों में श्रद्धांजलि सभा होगी।