राजपथ पर जहां एक तरफ देश की सशस्त्र सेनाओं ने अपने शौर्य का परिचय दिया तो दूसरी तरफ देश के अलग अलग राज्यों की झांकियों ने ना सिर्फ दुनिया का मन मोह लिया बल्कि यह संदेश दिया कि भारत जैसा विशाल देश किस तरह से समाज के हर तबके को साथ लेकर चलने में भरोसा करता है। चाहे सुदूर दक्षिण के राज्य हों या हिम से ढंके रहने वाले प्रदेश या मुख्य भूमि से कटे हुए राज्य एक दिन एक पथ पर इकट्ठा होकर संदेश देते हैं कि हम बेमिसाल हैं।
पंजाब की झांकी 9 वें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाती है। झांकी में 'श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती' थीम है। ट्रेलर के अंत में गुरु तेग बहादुर के अंतिम संस्कार स्थल गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहिब को दिखाया गया है।मोढ़ेरा स्थित सूर्य मंदिर की एक प्रतिकृति गजरथ की झांकी पर प्रदर्शित की गई हैय़झांकी में सूर्य मंदिर का हिस्सा, सबमांडप दिखाया गया है। यह 52 स्तंभ एक सौर वर्ष के 52 सप्ताह को दर्शाता है।