कोरोना के आंकड़े डराने वाले हैं। ठीक एक साल पहले पश्चिमी देशों के आंकड़ों जिस तरह से डराते थे। आज वैसी ही स्थिति भारत में बनी हुई है। एक तरफ अस्पताल ऑक्सीजन की कमी को रोना रो रहे हैं तो दूसरी तरफ अस्पतालों में बेड्स की कमी और दवाइयों के मुद्दे पर राजनीति भी गरम गई है। केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन सिलेंडर को अलग अलग माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि सरकार आज तक कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई थी।