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PM Modi Speech Updates: पीएम मोदी ने कहा- औरंगजेब की आततायी सोच के सामने गुरु तेग बहादुर हिन्द दी चादर बनकर खड़े थे

PM Modi Speech Today, PM Narendra Modi address to nation Today News Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले से देश को संबोधित किया। उनका यह संबोधन श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर हुआ। सूर्यास्त के बाद लाल किले से देश को संबोधित करने वाले मोदी देश के पहले पीएम बने। लाल किले से ही मुगल शासक औरंगजेब ने 1675 में सिखों के नौवे गुरु, गुरु तेग बहादुर की हत्या करने का आदेश दिया था। इस बार जयंती समारोह के लिए इसीलिए लाल किले को चुना गया।

PM Modi Speech Today Live PM Narendra Modi address to nation Today from Red Fort
लाल किले से पीएम मोदी का राष्ट्र का संबोधन LIVE

पीएम मोदी का यह संबोधन लाल किले की प्राचीर से नहीं बल्कि परिसर में एक स्थल से हुआ। पीएम स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के दिन लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के अलावा यह दूसरा मौका है जब पीएम लाल किले परिसर में दोबारा नजर आए। इसके पहले वह साल 2018 में आजाद हिंद फौज के गठन की 75वीं जयंती पर यहां आए थे। उस समय पीएम ने यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उस समय पीएम का संबोधन सुबह नौ बजे हुआ था। 

PM Modi Speech Today, PM Narendra Modi address to nation Today Live News Updates:

Apr 21, 2022  |  11:45 PM (IST)
हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है: पीएम मोदी

भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया। आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं। हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं। नई सोच, सतत परिश्रम और शत-प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है। आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है। हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका सामर्थ्य दुनिया देखे, जो दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाये। देश का विकास और तेज प्रगति हम सबका कर्तव्य है। इसके लिए सबके प्रयास की जरूरत है। मुझे पूरा भरोसा है कि गुरुओं के आशीर्वाद से भारत अपने गौरव के शिखर पर पहुंचेगा। जब हम आजादी के 100 साल मनाएंगे, तो एक नया भारत हमारे सामने होगा।

Apr 21, 2022  |  10:25 PM (IST)
सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है

गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। गुरु तेग बहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुए। पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं। पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया। सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं। इसलिए, जब अफगानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है।

Apr 21, 2022  |  10:20 PM (IST)
उस समय बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी

उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेग बहादुर जी के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेग बहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे।

Apr 21, 2022  |  10:17 PM (IST)
हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था

सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता। इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है। गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।

Apr 21, 2022  |  10:13 PM (IST)
लाल किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है

इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है। ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है। इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है। आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है। इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहूत विशेष हो गया है।

Apr 21, 2022  |  10:08 PM (IST)
शबद कीर्तन सुनकर शांति मिली: मोदी

अभी शबद कीर्तन सुनकर जो शांति मिली, वो शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। आज मुझे गुरू को समर्पित स्मारक डाक टिकट और सिक्के के विमोचन का भी सौभाग्य मिला है। मैं इसे हमारे गुरूओं की विशेष कृपा मानता हूं।

Apr 21, 2022  |  10:07 PM (IST)
मैं सभी दस गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हूं: मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारा देश अपने गुरुओं के आदर्शों पर पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस पुण्य अवसर पर मैं सभी दस गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हूं। प्रकाश पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई।

Apr 21, 2022  |  10:04 PM (IST)
मोदी ने स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले में 400वें प्रकाश पर्व समारोह के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। 

Apr 21, 2022  |  09:44 PM (IST)
लाल किले पर PM मोदी मौजूद

श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर मौजूद हैं। 

Apr 21, 2022  |  09:37 PM (IST)
पीएम मोदी का राष्ट्र का संबोधन LIVE: गुरु तेगबहादुर की याद में जारी होगा सिक्का 

गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती को भव्य एवं ऐहिताहिस बनाने की तैयारी की गई है। यहां शाम के समय 400 सिख समुदाय के संगीतकार अपनी प्रस्तुति देंगे। इसके बाद लंगर रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर की याद में एक सिक्का एवं डाक टिकट भी जारी करेंगे।     

Apr 21, 2022  |  02:24 PM (IST)
सिख गुरु के बलिदान ने स्वतंत्रता के बीज बोए-शाह 

बुधवार को सिख गुरु तेग बहादुर को नमन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। शाह ने गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सिख गुरु के सर्वोच्च बलिदान ने भारत की स्वतंत्रता के बीज बोए थे। शाह ने कहा,‘गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। जब कश्मीरी पंडितों ने उन्हें बताया कि उन पर मुगल किस प्रकार के अत्याचार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा जाओ औरंगजेब को बता दो कि पहले वह मेरा धर्म परिवर्तन कराए इसके बाद ही वह किसी अन्य का धर्म परिवर्तन करा सकता है।’

Apr 21, 2022  |  02:24 PM (IST)
कार्यक्रम में चार सौ छात्रों ने शबद कीर्तन किया

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सबसे सौभाग्यशाली प्रधानमंत्री हैं क्योंकि उन्हें गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती और गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर मिला। उन्होंने लाल किले में आयोजित समारोह में कहा, ‘मैं बिना किसी संकोच के यह कहना चाहता हूं कि गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही भारत को बाद में स्वतंत्रता मिली और देश अब 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।  शाह ने जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’, और ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के नारों से लाल किला गूंज उठा। कार्यक्रम में चार सौ छात्रों ने शबद कीर्तन किया।