नई दिल्ली : देश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। इस बार चुनावों में जम्मू कश्मीर, अनुच्छेद 370 का मुद्दा तो सुर्खियों में है ही, बल्कि एक बार फिर से वीर सावरकर भी चर्चा में हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां धुधाधार चुनाव प्रचार कर रही है।
दोनों पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह का अनुच्छेद 370 पर एक बार फिर से बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने वाले बिल का समर्थन किया, कभी इसका विरोध नहीं किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ विपक्ष पर दोष मढ़ने में जुटी है, समाधान ढूंढने में विफल है। लेकिन हमारा विश्वास है कि अगर कुछ बदलाव लाना है तो केवल 370 हटाना एक अस्थायी कदम होगा।
जम्मू कश्मीर की जनता के लोगों की इच्छाओं का ध्यान रखकर सारे कदम उठाए जाने चाहिए। दरअसल जिस तरीके से इस फैसले को लागू किया गया हम उस तरीके का विरोध करते हैं।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने वीर सावरकर भी बोलते हुए कहा कि हम सावरकर जी के खिलाफ नहीं है। इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर के पोस्टर स्टाम्प जारी किए थे। हम उनके खिलाफ नहीं बल्कि उनकी हिंदुत्व विचारधारा के खिलाफ हैं। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न देने की बात की है।
हमारा मानना है कि बीजेपी कांग्रेस से ज्यादा देशभक्त नहीं है। कांग्रेस को भाजपा या संघ से देशभक्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं। बीजेपी और आरएसएस का नाम आजादी की लड़ाई में कहीं भी नजर नहीं आता है। बता दें कि देश की राजनीति में एक बार फिर से वीर सावरकर की एंट्री हो गई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी घोषणापत्र में बीजेपी ने कहा है कि वे सावरकर को भारत रत्न देंगे।
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