नई दिल्ली: भारत बंद की ये सबसे हाहाकारी तस्वीर है जो वीडियो में नजर आ रही है। सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक जनता कैसे त्रस्त रही है ये तस्वीर उसकी तासीर है। दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाली मेन सड़क का हाल कैसा रहा वो आप यहां वीडियो में देख सकते हैं जिसके बाद आपको अंदाजा हो जाएगा कि कोई अस्पताल जा रहा होगा, किसी को शहर से बाहर किसी जरूरी काम से मिलने जाना होगा, लेकिन कोई कहीं नहीं पहुंच पाया क्योंकि किसानों ने भारत बंद का आव्हान किया था
किसान कानून हटाने की मांग तो कुछ समझ आती है लेकिन टिकैत साहब इसके लिए पूरा भारत बंद कर दें और फिर कहें कि बंद ठीक रहा। तो ये तो बेइमानी होगी। किसी को अस्पताल जाना था तो किसी को दफ्तर, किसी को स्कूल जाना था तो किसी को बैंक, लेकिन समय पर पहुंच नहीं पाए। लोग जाम की वजह से पां पांच घंटे सड़क पर फंसे रहे। इस भारत बंद का असर सिर्फ दिल्ली और आसपास के इलाकों में ही नहीं दिखा.. बल्कि देश के कई शहरों में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पटना में आरजेडी और लेफ्ट पार्टियों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया। बंद को सफल बनाने के लिए आरजेपी के नेता.. कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह पटना के डाकबंगला चौराहे पर किसानों के नाम पर प्रदर्शन करने पहुंचे। लेकिन किसान महासभा के कार्यकर्ताओं को ही रोकने लगे.. नेताजी कह रहे थे कि यहीं पर प्रदर्शन करो.. लेकिन किसानों को कहीं और प्रदर्शन करना था। पटना में तो किसानों के नाम पर बुलाए गए भारत बंद में आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने ऐसा बवाल काटा कि आम आदमी परेशान हो गया। एक महिला को थाने जाना था.. लेकिन बंद के सामने वो बेबस थी। इस बंद की वजह से कितना बुरा मंजर था वो आप इस तस्वीर से लगा लीजिए.. ये दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है जाम न लगे इसीलिए इसे मल्टीलेन बनाया गया है.. लेकिन यहां जाम की वजह से 14 लेन का जाम लग गया जिसे आप वीडियो में देख सकते हैं।
भोपाल में किसानों के नाम पर भारत बंद करवाने निकले कांग्रेस कार्यकर्ता और दिग्गी राजा भी पहुंचे लेकिन यहां भी किसानों से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता थे। किसानों की बात से ज्यादा यहां राजनीति की बातें हो रही थीं। किसानों के नाम पर जो मंच बनाया गया वहां से बीजेपी को निशाना बना रहे थे। देश की आर्थिक राजधानी में भी किसानों का भारत बंद देखा गया लेकिन यहां भी किसान कम और राजनीतिक कार्यकर्ता ज्यादा दिख रहे थे। ये देखिए लेफ्ट पार्टियों का झंडा कांग्रेस का झंडा.. किसानों के बहाने राजनीति चमकाने निकल पड़ी राजनीतिक पार्टियां।
सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक आम आदमी परेशान रहा। पूरे देश की रफ्तार थम गई। भारत बंद की वजह से न जाने देशभर में कितने हजार करोड़ का नुकसान हो गया और टिकैत साहब कह रहे हैं कि भारत बंद सफल रहा। अगर लोगों की परेशानी जानते हुए भी राकेश टिकैत ऐसा कह रहे हैं तो मान लिया जाए कि उन्हें लोगों की दिक्कत-परेशानी से लेना देना ही नहीं है। क्या उन्हें सिर्फ पावर शोकेस की पड़ी है। देशभर में किसानों ने भारत बंद बुलाया लेकिन कई शहरों में यही तस्वीर देखने को मिली। किसान कम और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता ज्यादा।
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