Dhakad Exclusive: दिलीप घोष के गार्ड को निकालनी पड़ी पिस्टल, क्या Bengal में नहीं हो सकते हिंसा मुक्त चुनाव?

Bhawanipur By Election में प्रचार का आज आखिरी दिन था जहां BJP-TMC कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए | BJP का आरोप है कि Dilip Ghosh पर हमला हुआ है।

Bhawanipur by election Know why Clash broke out between TMC and BJP Dilip Ghosh supporters
Bhawanipur By-election: Bengal में बिना हिंसा चुनाव नहीं हो सकता ?Dhakad Exclusive | Padmaja Joshi 
मुख्य बातें
  • भवानीपुर में हिंसा का मामला गरमाया, बीजेपी नेता दिलीप घोष ने चुनाव को टालने की मांग की
  • भवानीपुर उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन भी हिंसा
  • दिलीप घोष की सुरक्षा में तैनात बॉडीगर्ड्स को निकालनी पड़ी अपनी पिस्टल

 नई दिल्ली:  आज शाम 5 बजे भवानीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार खत्म हो गया लेकिन उससे कुछ घंटे पहले जो हुआ वो आपको जरूर देखना चाहिए। ममता बनर्जी की चुनावी सीट भवानीपुर में बीजेपी नेता दिलीप घोष पर जानलेवा हमला हुआ है। तस्वीरें आज सबने देखी कि किस तरह भाजपा नेता दिलीप घोष पर जानलेवा हमला हुआ है। बीजेपी का आरोप है कि ये हमला TMC के इशारों पर हुआ है। देखते ही देखते हाथापाई और झड़प जानलेवा हमले में तब्दील हो गई। हालात ऐसे बन गए कि दिलीप घोष की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को दिलीप घोष की जान बचाने के लिए हथियार निकालने पड़ गए।

दिलीप घोष पर जानलेवा हमला

दिलीप घोष बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बंगाल की राजनीति का एक बड़ा चेहरा है। आज भवानीपुर के जगुबाजार में दिलीप घोष को मारने की कोशिश की गई। दिलीप घोष के मुताबिक हमला करने वाले लोग TMC के गुंडे थे जिन्होंने पहले उनके साथ हाथापाई की और फिर उन्हें जान से मारने की फिराक में थे। वीडियो में आपको नजर आ जाएगा कि भीड़ के बीच में फंसे दिलीप घोष और उनके चारों तरफ से उनपर हमला करते लोग। हालात इतने खराब हो गए कि दिलीप घोष की सुरक्षा में तैनात बॉडीगर्ड्स को अपनी पिस्टल निकालनी पड़ी। देखिए कैसे सुरक्षाकर्मी दिलीप घोष को बचाने के लिए अपनी बंदूकें हवा में लहरा रहे हैं।

वीडियो देख आप भी रह जाएंगे हैरान

 वीडियो में आप भीड़ की हिम्मत देखिए। बॉडीगार्ड्स के बंदूक निकालने के बाद भी हमला कर रहे लोग रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। दिलीप घोष की सुरक्षा में 4 से 5 सुरक्षाकर्मी तैनात थे और वो किसी तरह से दिलीप घोष को बचाने की कोशिश कर रहे थे। दिलीप घोष ने कहा, 'भवानीपुर के जगुबाजार में टीएमसी के गुंडों की तरफ से मुझे मारने की कोशिश की गई। ये सत्तासीन सरकार की भयावहता दिखाता है। क्या इस घटना के बाद लगता है कि यहां निष्पक्ष चुनाव संभव है।'

नतीजे आने के बाद हुई थी बीजेपी नेता की हत्या

2 मई को बंगाल में चुनाव के नतीजों के दिन हिंसा हुई, जिसमें बीजेपी नेता अभिजीत सरकार की मौत हो गई थी। 4 महीने से अभिजीत सरकार का शव उनके परिवारवालों को नहीं दिया गया था। कुछ दिनों पहले जब बीजेपी के विरोध के बाद उनका शव उनके परिवारवालों को सौंपा गया तो बीजेपी ने इसे भवानीपुर के लिए मुद्दा बना लिया। इसी कड़ी में आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी के केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी हिंसा में मारे गए अभिजीत सरकार के घर पहुंचे, बेलाघाट में उनके परिवार से मिले, उन्हें श्रद्धांजलि दी। इससे पहेल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद अभिजीत सरकार के घर उनके परिवारवालों से मिलने के लिए पहुंचे थे। 2 मई को चुनाव के बाद अभिजीत के साथ क्या हुआ था, उनके भाई से सुनिए, जिन्होंने बताया कि 2 मई को TMC के कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ उनके भाई को मारा बल्कि लूटपाट भी की, और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

ममता की किस्मत का होगा फैसला

भवानीपुर विधान सभा सीट पर 30 सितंबर को वोटिंग होनी है और सोमवार चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। भवानीपुर उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने वकील प्रियंका टिबरेवाल को मौदान में उतारा है। ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बने रहने के लिए इस चुनाव में जीतना जरूरी है, क्योंकि इस साल मई में आए पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव के नतीजों में उन्हें नंदीग्राम सीट से हार का सामना करना पड़ा था।

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