नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान द्वारा दिए गए विवादित बयान के जरिए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए विरोध के नाम पर घृणा की राजनीति हो रही है। उन्होंने वारिस पठान द्वारा दिए गए हालिया बयान को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की चुप्पी पर भी निशाना साधा।
मंच के आगे निकल जाती है हकीकत- पात्रा
संबित पात्रा ने कहा, 'CAA के विरोध में पूरे देश में जिस प्रकार की घृणा की राजनीति कुछ लोग जो कर रहे हैं उसका उदाहरण आज हम लेकर आए हैं। देश में हो रहे इस पूरे प्रोटेस्ट में उनका कोई तथाकथित लीडर है तो वो असदुद्दीन ओवैसी और एआईएमआईएम पार्टी है। कल ओवैसी के मंच पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे हैं। जब मंच के पीछे सिखाया जाता है तो कभी-कभी मंच के आगे हकीकत निकल जाती है।'
'तिरंगा पकड़ने का किया जाता है नाटक'
सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा, 'जब मंच के पीछे पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने की बात होती है और मंच के आगे संविधान, तिरंगा पकड़ने का नाकट किया जाता है तो कभी-कभी हकीकत मुंह से निकल जाती है। ओवैसी की पार्टी के कद्दावर नेता वारिस पठान कहते हैं कि हम छीन कर लेंगे आजादी। मैं इन तथाकथित लिबरल से पूछना चाहता हूं कि कौन सी आजादी चाहिए, किससे आजादी चाहिए?'
हाथ में संविधान, दिल में वारिस पठान
वारिस पठान के '15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी' वाले बयान का जिक्र करते हुए संबित पात्रा ने कहा, 'ओवैसी की पार्टी ने कहा है कि 15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। अगर भाजपा के नेता ने ऐसा कोई बयान दे दिया होता तो आज सारे तथाकथित लिबरल सड़क पर उतर जाते, पूरे देश में कोहराम मचा देते। लेकिन आज एक भी सामने नहीं आ रहा है, एक भी सवाल नहीं पूछ रहा है। ये सारे लोग हमारे मुस्लिम भाइयों को बरगला रहे हैं, भ्रमित कर रहे हैं। इन सभी लोगों के हाथ में संविधान और दिल में वारिस पठान है, ये साबित कर दिया है।'
क्या कहा था वारिस पठान ने
कर्नाटक के गुलबर्गा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए वारिस पठान ने कहा था, 'जुबान की आतिशबाजी का मुकाबला ये नहीं कर सकते हैं याद रखना इस बात को। ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया अब हमने। मगर ये याद रखना कि इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है उसे छी के लेना पड़ेगा। 15 करोड़ हैं मगर एक सौ करोड़ पर भारी हैं याद रखना इस बात को। ये याद रखना लेना ये बात।'
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