नई दिल्ली। गलवान घाटी (Galwan Ghati Tension) में भारत और चीन के बीच झड़प में एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात यह झड़प हुई थी।यहां यह जानना जरूरी है कि हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल की बातचीत में दोनो सेनाएं पीछे हटी थीं। बताया जा रहा है कि भारतीय फौज ने चीनी सैनिकों से पीछे हटने के लिए कहा था। जिस समय एलएसी पर सैनिक चीनी फौज को पीछे ढकेल रहे थे उसी वक्त यह घटना घटी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन की तरफ से तीन या चार सैनिक मारे गए हैं। इस घटना के बाद चीन की तरफ से सुबह 7.30 बजे बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था है जिस पर भारतीय पक्ष की तरफ से भी सहमति बनी।
गलवान में चीनी और भारतीय सैनिकों में झड़प
सेना का कहना है कि मौके पर दोनों देशों के बड़े अधिकारी पहुंच चुके हैं और हालात को सामान्य बनाने की पहल कर रहे हैं। बीती रात इस झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। यहां बता दें कि हाल में इस बात पर सहमति भी बनी थी कि विवादित मुद्दों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
सीडीएस के साथ रक्षा मंत्री की बैठक
एलएसी पर ताजा हिंसक झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बिपिन रावत के साथ हुई जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। इस संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीनी पक्ष से बातचीत की।
भारत एक तरफा कार्रवाई न करे
इस घटना के बाद चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से भारतीय पक्ष से रिपोर्ट मांगी गई है और यह अपील की गई है कि भारत कोई एकतरफा कार्रवाई न करे। फिलहाल यह जानकारी आ रही है कि दोनों देशों के बीच फायरिंग नहीं हुई है बल्कि हिंसक झड़प हुई थी। इस बीच चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं है।
45 साल के इतिहास में चीनी बार्डर पर इतनी बड़ी घटना
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले 45 वर्षों में यह ऐसी पहली घटना है जिसमें कोई अफसर शहीद और जवान शहीद हुए हों। इस घटना के बाद जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना लाजिमी है। इस बीच चीन ने भारत पर आरोप लगाया है कि उसके सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की थी।
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