नई दिल्ली : सीमा पर गतिरोध दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं पर कोई हल नहीं निकलने के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने कहा है कि 'उसके रचनात्मक सुझावों पर चीन सहमत नहीं हुआ।' इसके अलावा वह कोई आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका। जिसके चलते बैठक में बाकी के क्षेत्रों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका।’
भारतीय सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रविवार को दोनों पक्षों के बीच करीब नौ घंटे तक बातचीत हुई। भारत की तरफ से इस वार्ता का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया जबकि चीन की तरफ से वार्ता में दक्षिणी शिनजिआंग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ शामिल हुए। भारतीय सेना ने कहा कि बाकी क्षेत्रों में मुद्दों का समाधान नहीं निकला। भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि वह चीनी पक्ष से इस दिशा में काम करने की उम्मीद करता है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के लिए चीन ने भारत पर आरोप लगाया है। चीन का आरोप है कि 'भारत अतार्किक एवं अवास्तविक मांग पर अड़ा रहा जिसकी वजह से बातचीत के आगे बढ़ने पर मुश्किलें आईं।' रिपोर्ट के अनुसार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता सीनियर कर्नल लॉन्ग शोउआ ने कहा, 'स्थिति का गलत आंकलन करने की बजाय भारत को चीन-भारत सीमा क्षेत्र में मशक्कत से हासिल स्थिति का लाभ उठाना चाहिए।'
रविवार की बातचीत शुरू होने से पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले स्थलों का समाधान निकालने के लिए दोनों पक्ष किसी सहमति पर पहुंचेंगे। पूर्वी लद्दाख के पीपी-15, हॉट स्प्रिंग, गोगरा कोंगका ला जैसी जगहों को खाली करने पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है।
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