Exclusive: कोरोना था चीन का जैविक हथियार! चीनी वैज्ञानिक बोलीं- जल्द दुनिया के सामने आएगी चीन की सच्चाई

चीन की जानी मानी वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग येन ने एक बार फिर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन को कटघरे में खड़ा किया है। टाइम्स नाउ से बात करते हुए डॉ ली-मेंग येन ने कई खुलासे किए।

Chinese virologist Li Meng YAN  reiterates her claim about Covid cover up by China
कोरोना को लेकर दुनिया के सामने आएगी चीन की सच्चाई: डॉ. ली 
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के जैविक होने की बातें पहले भी कई बार कही गई हैं
  • चीनी वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग येन ने फिर कहा चीन निर्मित जैविक वायरस है कोरोना
  • वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग येन ने ही सबसे पहले किया था वायरस के जैविक होने का दावा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। हर महीने वायरस के नए-नए म्यूटेंट सामने आते रहे हैं जिससे सरकारों की मुसीबतें और बढ़ रही हैं। जिस चीन से इस महामारी की शुरूआत हुई थी वहां अब ना के बराबर केस हैं। इस वायरस के जैविक होने को लेकर चीन पर लगातार उंगुलियां उठती रही है। चीनी वायरोलॉजिस्ट डॉ ली-मेंग येन ने अमेरिकन रिपोर्ट पर मुहर लगाते हुए एक बार फिर दावा किया है कि वायरस चीन की लैब में निर्मित था जिसे जानबूझकर दुनिया में फैलाया गया था। दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी के हाथ में कुछ ऐसे दस्तावेज हाथ लगे है जिसमें कहा गया है कि चीन 5 साल पहले से ही कोरोना वायरस को तैयार कर रहा था।

मैं इसलिए हूं चीनी सरकार के निशाने पर

टाइम्स नाउ से बाात करते हुए डॉ ली-मेंग येन ने कहा, 'मैं पहले भी चीन सरकार के टारगेट पर थी और इस समय भी मैं चीनी सरकार की सबसे बड़ी टारगेट हूं क्योंकि जनवरी 2020 में मैंने कहा था कि चीनी सरकार कोरोना महामारी की असलियत को छुपा रही है। मैंने खुलासा किया था कि वायरस को जानबूझकर दुनियाभर में फैलाया गया। मैंने 2020 में जिस डॉक्यूमेंट को दुनिया के सामने रखा था उसमें साफ था कि चीन पारंपरिक युद्ध से हटकर जैविक हथियारों का इस्तेमाल करने की कोशिश में था। मेरे खुलासे के बाद चीनी सरकार मेरे पीछे पड़ गई।' 

दुनिया को पता चलेगी सच्चाई

डॉ. ली मेंग ने आगे बताया, 'मुझे इस फील्ड की पूरी जानकारी थी क्योंकि मैं इस फील्ड की विशेषज्ञ हूं और मेरा नेटवर्क भी ठीक-ठाक था, इस कारण चीनी सरकार डर गई और मेरे पीछे पड़ गई। मैं आज जो भी सच्चाई कह रही हूं वो अपने दम पर कह रही हूं। चीन ने मुझे मारने का प्रय़ास किया, हमले करवाए और अभी भी वो ऐसा करने की फिराक में हैं। आपने देखा होगा कि फेसबुक ने उनका दावा हटा दिया है। आप देख सकते हैं अब बड़ी संख्या में लोगों को पता चल रहा है कि वायरस किसी देश से नहीं आया और ना ही ये कोई लैब एक्सीडेंट था। धीरे-धीरे पूरी दुनिया के सामने इसके सबूत सामने आ जाएंगे। मैं अपने सबूतों को पहले ही सत्यापित कर चुकी हूं कि वायरस जैविक था। इसीलिए चीनी सरकार मेरे पीछे पड़ी है। मुझे उम्मीद है कि लोगों को जल्द सच्चाई पता चल जाएगी।' 

पहले भी कर चुकी हैं दावा

वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान इससे पहले भी वायरस के मानव निर्मित होने की बात कह चुकी हैं। ली ने कहा था कि वुहान में इसका ट्रायल किया गया था और इसको फैलाने का मकसद दुनिया के हेल्थ सिस्टम को बर्बाद करना था। उन्होंने दावा किया था वायरस चीन के वुहान स्थित लैब में तैयार किया गया था और उनके पास इसके प्रमाण भी हैं। वायरोलॉजिस्ट ली-मेंग यान ने जब एक गुप्त ऑपरेशन के जरिए इस की सच्चाई पता लगाई थी तो चीनी सरकार उनके पीछे पड़ गई जिसके बाद उन्होंने हॉन्गकॉन्ग को छोड़ दिया जहां वो कार्यरत थी। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर