अगर कहें कि पंजाब कांग्रेस में सियासी लड़ाई का एक चैप्टर बंद हो चुका है तो गलत ना होगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि कांग्रेस प्रेसीडेंट से सुबह बातचीत के बाद ही इस्तीफे का फैसला ले लिया था। इसके साथ ही तीन बार विधायकों की मीटिंग के बाद जिस तरह से फैसला लिया गया उससे उन्होंने अपमानित महसूस किया।
फिलहाल कांग्रेस में, आगे का फैसला बाद में
अमरिंदर सिंह ने कहा कि वो फिलहाल कांग्रेस में हूं, जहां तक आगे का फैसल है उसके बारे में सहयोगियों के साथ बातचीत करेंगे। जहां तक पंजाब के अगले सीएम की बात है तो जो फैसला लिया जाए उसके बारे में कुछ नहीं कहेंगे, जिसे सीएम बनाना हो उसे सीएम बना दें।अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने समर्थकों को कहा है कि वो सीएलपी की बैठक में हिस्सा जरूर लें। फिलहाल वो पद छोड़ रहे हैं आलाकमान को जिस पर भरोसा हो उसे सीएम बना दें।
पिछले 52 वर्षों से सक्रिय राजनीति में
इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि आगे की राजनीति हमेशा विकल्प होती है, उनका भी फ्यूचर प्लान है, समय आने के साथ वो खुलासा करेंगे। इसके साथ यह भी कहा कि वो 52 साल से सक्रिय राजनीति में हैं, अपने समर्थकों से चर्चा के बाद निर्णय करूंगा।
किसे दी जाएगी कमान साफ नहीं
अमरिंदर सिंह की जगह किसे कमान दी जाएगी, तस्वीर साफ नहीं है, हालांकि तीन नामों प्रताप सिंह बाजवा, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी के नाम की चर्चा है। सियासी जानकारों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर की लड़ाई में वो भारी पड़े हैं। कांग्रेस के आलाकमान ने भी करीब करीब मन बना लिया था कि अब पार्टी को ओल्ड गार्ड से छुटकारा पाना होगा।
कैप्टन से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था
इस्तीफा दिए जाने से पहले कैप्टन अमरिंदर की तरफ से कहा गया था कि वो अपमान नहीं सहेंगे। उनके प्रेस सेक्रेटरी की तरफ से कहा गया कि अगर उन्हें सीएम पद से हटाया जाता है को उनका पार्टी में भी बने रहने का औचित्य नहीं है। जानकार कहते हैं कि पंजाब कांग्रेस में कलह समाप्त करने के लिए राहुल गांधी करीब करीब मन बना चुके थे कि अब बदलाव करना ही होगा और उस संदर्भ में एक तरह से अमरिंदर सिंह को जानकारी भी दे दी गई थी।
सीएम की कुर्सी पर करीब 1647 दिन बने रहे
पंजाब के सीएम के रूप में उन्होंने करीब 1647 दिन काम किया। बता दें कि इस्तीफे से पहले उनके बेटे रनिंदर सिंह ने खास ट्वीट करते हुए कहा कि उन्हें अपने पिता के फैसले पर गर्व है। उन्होंने कहा कि उनके पिता अब परिवार के मुखिया के तौर पर काम करेंगे। जिस तरह से पंजाब की जनता की उनके पिताजी ने सेवा की उससे पंजाब की जनता संतुष्ट है।
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