Gorakhpur News: मुर्तजा को लेकर एक और खुलासा हम करने जा रहे हैं वो आपको बताएगा कि आखिर मुर्तजा ने गोरखपुर मठ के बाहर हमला क्यों किया। गोरखपुर, नोएडा, कानपुर, सहारनपुर संभल में मुर्तजा से जुड़े 12 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा रही है। मुर्तजा कट्टरपंथी वाट्सएप ग्रुप चलाता था।मुर्तजा पर एटीएस को पहले से ही शक था और वकील बनकर एटीएस वहां पहुंची थी लेकिन एटीएस के घर पहुंचने से पहले ही मुर्तजा भाग गया था और एक दिन बाद मंदिर ही हमला कर दिया।
ATS सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पढ़ाई के दौरान ही मुर्तज़ा ने 2012 से 2015 के बीच नेपाली खातों के जरिये सीरिया पैसा भेजना शुरू कर दिया था। ये ही नहीं उसने 2020-21 में भी नेपाली खातों के जरिए करीब 8 लाख रुपये सीरिया भेजा था जिसके बाद से ही वो खुफिया एजेंसियों के रडार पर आया था।यही कारण है कि ATS को उस पर नजर रखने के लिए लगाया गया था। एटीएस की पूछताछ में मुर्तजा ने कबूल करते हुए कहा, 'मैं डिप्रेशन में था सो नहीं पा रहा था। गुस्से में आकर मंदिर पर हमला किया। सीएए-एनआरसी को लेकर गुस्से में था और लग रहा था कि मुसलमानों के साथों गलत हो रहा है। कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर भी गुस्से में था'
दो अप्रैल को ATS उसके घर वकील के रूप में पहुंची तो मुतर्जा नहीं मिला। परिवार के दूसरे लोगों से जानकारी लेकर टीम चली गई थी पर मुर्तजा के चाचा को उनके हावभाव से शक हो गया। उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि वो पुलिसवाले थे र्तजा के डाक्टर चाचा ने इस बारे में जब मुर्तजा से फोन पर पूछा तो उसके बाद वो घर से भाग गया और अगले दिन घटना को अंजाम दे डाला। 2014 के बाद से मुर्तजा का कट्टरता के प्रति रुझान बढ़ गया था और वह मदरसों में जाता था, अबु हमजा के वीडियो देखता था। उसने एक एप्लीकेशन बनाया था, एटीएस इसकी जांच कर रही है कि एप्लीकेशन का इस्तेमाल मुर्तजा अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए तो नहीं कर रहा था।
मुर्तजा के खाते में बड़ी रकम रखने के सवाल पर ATS को परिवार के लोगों ने बताया कि वो कनाडा जाने की तैयारी में था। कनाडा जाने वाले व्यक्ति के खाते में पैसा होना जरूरी होता है। कुछ महीनों तक पैसा होने के बाद ही वीजा मिलता है, इसलिए उसके खाते में पैसा रखा गया था। उस पैसे का उसने किस रूप में इस्तेमाल किया है, यह परिवार को नहीं पता है।
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