नई दिल्ली : कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सोमवार को उस समय अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भाजपा के साथ 'मिलीभगत' करने का आरोप लगाया। पार्टी के 23 नेताओं के पत्र पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि चिट्ठी की टाइमिंग सही नहीं है। राहुल का यह रुख पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद एवं कपिल सिब्बल को नागवार गुजरा। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता आजाद ने कहा कि 'भाजपा के साथ उनकी मिलीभगत यदि साबित हुई तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।' सिब्बल ने अपने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने बीते 30 सालों में कभी भी भाजपा का समर्थन नहीं किया फिर भी भाजपा के साथ 'मिलीभगत' की बात कही जा रही है। हालांकि, कुछ देर बाद सिब्बल ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया। प्रख्यात वकील ने कहा कि राहुल गांधी ने उन्हें फोन कर बताया कि उन्होंने बैठक में इस तरह की कोई बात नहीं की।
सीडब्ल्यूसी बैठक की प्रमुख बातें
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