पिछले साल 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। उसी दिन से विपक्ष का विरोध शुरू हो गया। विपक्ष ने सेंट्रल विस्टा को मोदी महल कहा। सवाल उठाए कि 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की देश को अभी जरूरत क्या है। 6 दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने डिफेंस कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया। उस दिन उन्होंने कहा कि अस्तबल में काम करके सुरक्षाकर्मी देश की रक्षा कर रहे है। उनकी ये बात पूरे देश ने सुनी। टाइम्स नाउ नवभारत पहले उस दफ्तर में पहुंचा जहां जवान से लेकर जनरल तक काम करते हैं, जिसकी हालत बेहद जर्जर है। उसी दफ्तर के लिए प्रधानमंत्री ने घोड़ों को बांधने वाले अस्तबल शब्द का इस्तेमाल किया। वो इसलिए क्योकि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहां ब्रिटिश राज के घोड़े ही बांधे जाते थे।
अब अगर देश की सुरक्षा के लिए काम कर रहे सुरक्षा कर्मियों को अच्छा दफ्तर दिया जाता है तो उसमें क्या बुराई है। विपक्ष को ऐसा क्यों लगता है कि डिफेंस कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रधानमंत्री का अहम है।
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