Dhakad Exclusive: भारत में 100 साल पहले थी तालिबान मानसिकता? क्‍या है Mopla Vidroh का सच?

अफगानिस्‍तान में अस्थिरता और हिंसा के बीच भारत में 100 साल पहले हुए मोपला विद्रोह की भी चर्चा है। बीजेपी सांसद राम माधव ने इसे तालिबान जैसी मानसिकता कहा है।

Dhakad Exclusive: भारत में 100 साल पहले थी तालिबान मानसिकता? क्‍या है Mopla Vidroh का सच?
Dhakad Exclusive: भारत में 100 साल पहले थी तालिबान मानसिकता? क्‍या है Mopla Vidroh का सच? 

नई दिल्‍ली : अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद से दहशत का माहौल है। इस बीच काबुल में गुरुवार को हुए हुए आत्‍मघाती बम हमलों ने कई बेकसूर जिंदगियां लील ली। काबुल में हुए धमाकों ने पूरी दुनिया को आहत किया है। आज पूरा अफगानिस्‍तान नफरत व हिंसा की आग में जल रहा है। लेकिन आज से ठीक 100 साल पहले हिंदुस्तान में भी ऐसी ही आग लगी थी, जब यहां हजारों लोगों का कत्लेआम हुआ था। बीजेपी सांसद राम माधव ने इसकी तुलना तालिबान से की है। उन्होंने कहा कि वो तालिबानी मानसिकता की ही झलक थी।

यह केरल में 1921 में भड़का एक दंगा था, जिसके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। TIMES NOW नवभारत ने मोपला विद्रोह की तह तक जाने के लिए इस मुद्दे पर कई लोगों से बात की। पड़ताल की गई कि आखिर सच क्‍या है? इस क्रम में TIMES NOW नवभारत की टीम वहां भी पहुंची, जहां 100 साल पहले हजारों लोगों का कत्लेआम कर दिया गया और धार्मिक स्‍थलों को तोड़ दिया गया। यहां पीड़‍ित परिवारों वंशजों ने जो कुछ भी बताया, वह रूप कंपा देने वाली है। उन्‍होंने बताया कि किस तरह एक धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया।

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