द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत, मोदी का 2024 में फिर PM बनना तय, विपक्ष के पास कोई प्लान नहीं?

Sawal Public Ka : एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। द्रौपदी मुर्मू हर सेग्मेंट में विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा पर भारी पड़ी। देश में राष्ट्रपति पद में विपक्ष ने अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन विपक्ष अपनी एकता बनाकर नहीं रख पाया। विपक्ष की एकता ताश के पत्तों की तरह भरभरा गई।  राष्ट्रपति चुनाव का बड़ा असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाला है।

Droupadi Murmu wins presidential election, Modi set to become PM again in 2024, opposition has no plan?
क्या विपक्ष के पास मोदी को रोकने का कोई प्लान नहीं? 

Sawal Public Ka : द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। इससे जुड़ी एक एक्सक्लूसिव खबर आपको बताती हूं। द्रौपदी मुर्मू को तीसरे दौर की काउंटिंग के बाद 5 लाख सत्तहत्तर हजार सात सौ सतहत्तर वोट मिले। अगर सांसदों के वोट की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू को मुर्मू को 540 सांसदों ने वोट दिया। जबकि यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों ने। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 748 सांसदों ने वोट डाला। 15 सांसदों के वोट इनवैलिड हो गए।  तीसरे दौर की वोटिंग के बाद रिजल्ट डिक्लियर कर दिया गया। द्रौपदी मुर्मू देश की नई महामहिम होंगी। मुर्मू की जीत जबर्दस्त है। बीजेपी इसे जबर्दस्त सेलिब्रेट कर रही है। 

द्रौपदी मुर्मू को सिर्फ NDA नहीं बल्कि गैर NDA दलों का भी जबर्दस्त समर्थन मिला। जिस क्रॉस वोटिंग की बात हो रही थी। सूत्रों के मुताबिक उसकी लिस्ट मुझे मिली है। असम में 22 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। बिहार में 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। छत्तीसगढ़ में भी 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। गोवा में चार, गुजरात में 10, हरियाणा में एक, हिमाचल में दो विधायकों ने, झारखंड में 10 विधायकों ने, एमपी में 19 विधायकों ने, महाराष्ट्र में 16 विधायकों ने और मेघालय में 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। मैं आपको ये जानकारी दे दूं कि पुड्डुचेरी, ओडिशा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल का रिजल्ट आना बाकी है। मतलब जीत का मार्जिन बहुत बड़ा होने वाला है। 

दर्शकों ये नतीजा ऐसा है जिसकी एनासिलिस जरूर की जानी चाहिए। और एनालिसिस करने पर पता चलता है कि द्रौपदी मुर्मू हर सेग्मेंट में विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा पर भारी पड़ी। सांसदों के वोट का नंबर आ गया है। विधायकों का आ रहा है लेकिन वोटिंग पैटर्न में वो भी पहले से क्लियर है। मतलब साफ है कि ये देखते हुए भी कि NDA के पास जीत का नंबर है। देश में राष्ट्रपति पद में विपक्ष ने अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन विपक्ष अपनी एकता बनाकर नहीं रख पाया। विपक्ष की एकता ताश के पत्तों की तरह भरभरा गई। ये कैसे हुआ वो आपको ग्राफिक्स के जरिए समझाते हैं। कौन-कौन विपक्ष में था लेकिन राष्ट्रपति पद पर मोदी के कैंडिडेट के लिए खुलकर सामने आ गया..वो देखिए। 

कई लोगों के मन में ये सवाल है कि राष्ट्रपति चुनाव का बड़ा असर 2024 पर पड़ने वाला है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है उसे हम ग्राफिक्स के जरिए समझा रहे हैं। मोदी-शाह की जोड़ी ने मुर्मू को लेकर एक तीर से तीन पॉलिटिकल निशाना साधा। दरअसल द्रौपदी जी जिस समुदाय से आती हैं उसकी कुल जनसंख्या देश में 10.42 करोड़ है। मैं अनुसूचित जनजाति की बात कर रहा हूं। इस वर्ग के लिए जो आरक्षित सीटें है वो 47 है। और करीब 100 लोकसभा सीटों पर इनका सीधा इफेक्ट है। मतलब दोनों को जोड़ दें तो नंबर ऑफ सीट्स 147 तक पहुंच जाती है।  
 
हालांकि इसमें से ज्यादातर सीटें फिलहाल बीजेपी के पास ही है लेकिन तीसरी बार अगर बीजेपी एक नई वजह से इन सीटों को रिटेन करती है फिर रिजल्ट क्या होगा, आप अंदाजा लगा लें। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि राष्ट्रपति चुनाव का बड़ा असर 2024 पर पड़ने वाला है। ऐसा क्यों कहा जा रहा है उसे हम ग्राफिक्स के जरिए समझा रहे हैं।

सवाल नंबर 1 
क्या राष्ट्रपति चुनाव में मोदी की रणनीति में फंस गया विपक्ष ? 
सवाल नंबर 2 
मोदी सपोर्ट-मोदी विरोध की राजनीति का अनुपात 62: 38 का है ? 
सवाल नंबर 3 
राष्ट्रपति चुनाव में जीत..मोदी का 2024 में फिर PM बनना तय ?
सवाल नंबर 4 
क्या विपक्ष के पास मोदी को रोकने का कोई प्लान नहीं?

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