Gyanvapi Case: काशी विश्वनाथ के पूर्व महंत दायर करगें नई याचिका, मांगेंगे 'शिवलिंग' की पूजा की इजाजत

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी अब शिवलिंग पूजन को लेकर अपना दावा कर रहे हैं। कुलपति तिवारी इसे लेकर कोर्ट में आज नई याचिका भी डाल रहे हैं।

Gyanvapi Case: Former Mahant of Kashi Vishwanath will file a new petition, seeking permission to worship 'Shivling'
Gyanvapi: Dr Kulpati Tiwari दायर करेंगे याचिका, वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा अर्चना करने की रखेंगे मांग 
मुख्य बातें
  • Dr Kulpati Tiwari दायर करेंगे कोर्ट में याचिका
  • वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा अर्चना करने की रखेंगे मांग
  • श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले को लेकर हो चुका है कोर्ट का सर्वे

Gyanvapi Case: काशी विश्वनाथ के पूर्व महंत Dr Kulpati Tiwari याचिका दायर करने के लिए जिला न्यायालय पहुंचे हैं। तिवारी याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' की पूजा अर्चना करने की मांग करेंगे। इससे पहले भी कुलपति तिवारी ने कहा था कि शिवलिंग मिल गया है तो उनकी पूजा अर्चना नियमित रूप से होनी चाहिए। कुलपति तिवारी ने कहा कि उनको इस पूजा के लिए कोर्ट द्वारा उन्हें पूजा का अधिकार दिया जाना चाहिए।

क्या कहा तिवारी ने

बाबा विश्वनाथ के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने कहा, 'हम कोर्ट जा रहे हैं। मेरे पूर्वजों द्वारा वो शिवलिंग स्थापित किया गया है जिसके चार मंडप हैं। एक ऐश्वर्य मंडप है, एक मुख्य मंडप है, एक लक्ष्मी मंडप है। जहां मेरा मंदिर है वहीं पूजा करूंगा। जहां शिवलिंग मिला है वहीं पूजा करूंगा। मैंने कोर्ट से आग्रह किया है कि बाबा विश्वनाथ की स्पेशल पूजा होनी चाहिए। तांकि मैं जाकर बाबा की पूजा अर्चना कर सकूं।'

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कोर्ट कर चुका है ट्रांसफर

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा दायर दीवानी वाद की सुनवाई वाराणसी के दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) के पास से जिला न्यायाधीश (वाराणसी) को स्थानांतरित कर दी थी। न्यायालय ने कहा कि मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए बेहतर होगा कि 25-30 साल से अधिक अनुभव रखने वाला कोई वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी इसे देखे।

वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने दावा किया कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कोई 'शिवलिंग' नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पैदा की जा रही है। बर्क ने यह भी कहा कि अयोध्या में भले ही राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन वहां एक मस्जिद है।

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