Gyanvapi Case: कोर्ट के अंदर आखिर क्या- क्या हुआ? फैसले को सुनाने की इनसाइड स्टोरी

देश
Updated May 12, 2022 | 18:10 IST

ज्ञानव्यापी मस्जिद को लेकर फैसले के तहत परिसर का सर्वे होगा जिसकी रिपोर्ट 17 मई तक सौंपनी है। इस वीडियो में आप देखेंगे कि कोर्ट के अंदर की इनसाइड स्टोरी ।

मुख्य बातें
  • ज्ञानवापी मामले में कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला
  • परिसर का सर्वे होगा और इस सर्वे की रिपोर्ट 17 मई 2022 को सौंपनी है
  • अगर कोई सर्वे करने से रोके या फिर वीडियोग्राफी से रोका तो उस पर FIR दर्ज की जाएगी

नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले में कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है और अब ये तय हो गया है कि परिसर का सर्वे होगा और इस सर्वे की रिपोर्ट 17 मई 2022 को सौंपनी है। कोर्ट के फैसले में साफ साफ शब्दों में कहा गया कि अगर कोई सर्वे करने से रोके या फिर वीडियोग्राफी से रोका तो उस पर FIR दर्ज  की जाएगी लेकिन हर हाल में सर्वे का काम किया जाएगा। आइए इस वीडियो को देखते है जिसमें हमारे संवाददाता विस्तार से बता रहे है कोर्ट के अदर की इनसाइड स्टोरी। 

वाराणसी की एक जिला अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वेक्षण करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। इसके साथ ही अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से एक अधिवक्ता ने अदालत के अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को बदलने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहे हैं।

गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी—देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था।छह मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी। 
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर