दीपावली 4 नवंबर को है। यानी 5 दिन बाद। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन आपने देखा कि भारत-पाकिस्तान मैच के बाद पटाखे जलाए गए। दिल्ली धुआं-धुआं हो गई। 5 दिन के बाद दिल्ली का क्या हाल होगा। अंदाजा लगाया जा सकता है। वो इसलिए, क्योंकि दिल्ली-NCR में धड़ल्ले से पटाखे बिक रहे हैं। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए चोरी-छिपे पटाखों की बिक्री की जा रही है। कहीं बर्तन की दुकान पर तो कहीं दवा की दुकान पर पटाखों की बिक्री जारी है।
दिल्ली में मयूर विहार, कल्याणपुरी के साथ-साथ गाजियाबाद में भी टाइम्स नाउ नवभारत की टीम पहुंची, जहां खुफिया कैमरों की मदद से खुलासा किया गया कि पटाखों की बिक्री का गोरखधंध किस तरह जारी है। दिल्ली के मयूर विहार में बर्तन की दुकान पर पटाखे बेचे जा रहे हैं तो कल्याणपुरी में सब्जी और सजावट का सामान बेचने की दुकान पर पटाखे बिक रहे हैं। गाजियाबाद में एक दवा की दुकान से ही इसकी बिक्री हो रही है, जहां जान बचाने के लिए दवाएं बेची जाती है। गाजियाबाद बाईपास में ग्रीन पटाखों के नाम पर खतरनाक पटाखे बेचे जा रहे हैं।
दुकानदार बड़ी चालाकी के साथ हवा में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को भी ग्रीन पटाखों के रैपर में पैक कर बेच रहे हैं। दिल्ली में तो ग्रीन पटाखों की बिक्री भी बैन है, लेकिन दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में एयर क्वालिटी अगर ठीक रहती है तो ग्रीन पटाखे बेचे जा सकते हैं। इसलिए ये दुकानदार ग्रीन पटाखों की आड़ में वो पटाखे बेच रहे हैं, जो दिल्ली एनसीआर का दम एक बार फिर घोटेंगे। पुलिस की तरफ से कईं दुकानों पर छापे मारे जा चुके हैं। लेकिन पटाखों की बिक्री रुकी नहीं है।
दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बेचने पर बैन है, ये दुकानदार भी जानते हैं। उन्हें पता है कि पटाखे बेचते पकड़े गए तो सजा होगी और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी होगा। उन्हें यह भी मालूम है कि ये पटाखे कैसे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा सकते हैं और लोगों की सेहत बिगाड़ सकते हैं। लेकिन उन्हें इन सबकी बिल्कुल परवाह नहीं है। इनका बस एक ही एजेंडा है पैसा कमाना। देखिये पूरी रिपोर्ट।
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