नई दिल्ली: गुजरात हाई कोर्ट ने लव जिहाद पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने लव जिहाद कानून की कई धाराओं पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया है कि लव जिहाद कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 से संविधान से मिले धर्म को चुनने और अपनी मर्जी से शादी करने के अधिकार का हनन होता है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक साबित न हो कि लड़की को लालच देकर शादी की गई है तब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जाए। इसके अलावा लव जिहाद मामलों में सिर्फ पीड़ित पक्ष ही शिकायत कर सकते हैं।
गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लाए गए गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम की कुछ धारा पर रोक लगाई है। लड़की को लालच देकर फंसाने का मामला साबित ना हो तब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो। अलग-अलग धर्म की शादी होने पर शिकायत नहीं हो सकती। लव जिहाद कानून के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में पिटीशन दाखिल हुई थी। जमियत उलेमा ए हिन्द द्वारा हाई कोर्ट में लव जिहाद कानून के खिलाफ पिटीशन दाखिल की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश नाथ ने कहा, 'हमारी यह राय है कि आगे की सुनवाई लंबित रहने तक धारा तीन, चार, चार ए से लेकर धारा चार सी, पांच, छह एवं छह ए को तब लागू नहीं किया जाएगा, यदि एक धर्म का व्यक्ति किसी दूसरे धर्म व्यक्ति के साथ बल प्रयोग किए बिना, कोई प्रलोभन दिए बिना या कपटपूर्ण साधनों का इस्तेमाल किए बिना विवाह करता है और ऐसे विवाहों को गैरकानूनी धर्मांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह करार नहीं दिया जा सकता। अंतरधार्मिक विवाह करने वाले पक्षों को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए यह अंतरिम आदेश जारी किया गया है।'
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