PM Speech: बीमारी और वैक्सीन नहीं करती भेदभाव, वोकल फॉर लोकल का मंत्र...,PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

देश
किशोर जोशी
Updated Oct 22, 2021 | 11:21 IST

PM speech today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की तारीफ करते हुए लोगों से त्योहारों पर सावधान रहने की अपील की।

'100 करोड़ वैक्सीन डोज़ पूरी होना, भारत की सफलता है'- PM Modi
'100 करोड़ वैक्सीन डोज़ पूरी होना, भारत की सफलता है'- PM Modi  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • पीएम बोले- विश्व एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर काफी सकारात्मक हैं
  • यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा टीकाकरण अभियान ‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’ है - पीएम
  • प्रधानमंत्री ने लोगों से की त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ मनाने की अपील

PM Modi Speech Highlights: वेद वाक्य के साथ संबोधन की शुरुआत करते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जनता का कोरोना काल में दसवीं बार संबोधन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। भारत के 100 करोड़ वैक्सीन की उपलब्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकों की 100 करोड़ खुराक देना केवल सांख्यिकी उपलब्धि नहीं, बल्कि यह इतिहास का एक नया अध्याय है। पीएम मोदी ने कहा, इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है। यह भारत और हर देशवासी की सफलता है। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के मुख्य बिंदुओं को-

असाधारण लक्ष्य

 प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर जताई गई आशंकाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये 100 करोड़ खुराकें हर सवाल का जवाब हैं । पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे देश ने एक तरफ कर्तव्य का पालन किया, तो दूसरी तरफ उसे सफलता भी मिली। कल भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है। दुनिया अब भारत को कोविड-19 से अधिक सुरक्षित देश के रूप में देखेगी, औषधि निर्माण के क्षेत्र के रूप में उसकी स्वीकार्यता और बढ़ेगी।'

हर चुनौती से पाया पार

 प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का, 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की। दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था। जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।'

मेड इन इंडिया की वकालत

पीएम मोदी ने कहा,  'हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया। देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा। हमारे देश ने कॉविन प्लेटफॉर्म की जो व्यवस्था बनाई है, वो भी विश्व में आकर्षण का केंद्र है। भारत में बने कॉविन प्लेटफॉर्म ने न केवल आम लोगों को सहुलियत दी, बल्कि मेडिकल स्टाफ के काम को भी आसान बनाया है। हर छोटी से छोटी चीज, जो Made In India हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए। और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा। भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal For Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा।'


युद्ध चल रहा हो तो नहीं डाले जाते हथियार

'कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती से संभाले रखा। आज रिकॉर्ड लेवल पर अनाज की खरीद हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। वैक्सीन के बढ़ते कवरेज के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक गतिविधियां तेज हो रही हैं। पिछली दिवाली हर किसी के मन में एक तनाव था, लेकिन इस दिवाली 100 करोड़ वैक्सीन डोज के कारण एक पैदा हुआ विश्वास है। अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं।कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा से पूरी गारंटी हो तो भी जबतक युद्ध चल रहा है हथियार नहीं डाले जाते। मेरा आग्रह है कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है।'

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