नई दिल्ली:पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए भारत-विरोधी मीडिया अभियान के साथ-साथ अब यह बात भी सामने निकलकर आई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू और कश्मीर में हथियारों की सप्लाई बढ़ाने की योजना को अंजाम देने का निर्देश दिया है। चीनी ड्रोन्स और हथियारों के जरिए पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने की योजना बना रहा है। भारतीय सुरक्षा बलों की सख्त निगरानी की वजह से घाटी में हिंसा फैलाने का पाक का मंसूबा कामयाब नहीं हो पा रहा है और ना ही वो घुसपैठ को बढ़ा पा रहा है।
सर्दियों से पहले अधिकतम घुसपैठ की कोशिश
आईएसआई को सर्दियां शुरू होने से पहले कश्मीर में हथियारों के साथ अधिकतम घुसपैठियों करवाने का अल्टीमेटम दिया गया है, क्योंकि सर्दी शुरू होते ही ज्यादातर घुसपैठ वाले इलाकों में बर्फ गिर जाएगी। आईएसआई ने कथित तौर पर भारतीय सुरक्षा बलों पालन किए जाने वाले नियमों (आरओई) का विश्लेषण किया है जिनके मुताबिक जब नियंत्रण रेखा के पास एक घुसपैठिया बिना हथियार के दिखाई देता है तो वे फायर नहीं करते हैं। इसलिए, नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के जोखिम को कम करने के लिए ड्रोन या अन्य माध्यमों से हथियार भेजना शुरू किया गया है ताकि नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों पर आने वाले खतरे को कम किया जा सके।
चीनी हथियार बरामद
पाकिस्तान ISI ने सीपैक संपत्तियों की सुरक्षा के बहाने सीपैक से जुड़ी एक चीनी फर्म से कथित तौर पर बड़ी संख्या में हेक्साकॉप्टर की खरीद की है। हाल ही में, भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन की कंपनी NORINCO द्वारा निर्मित ईएमईआई टाइप 97 एनएसआर राइफल बरामद की हैं, जो PLA सैनिकों के लिए एक मानक मुद्दा है और सीपैक सहयोग के हिस्से के तहत पाकिस्तान फ्रंटियर फोर्स को भी उपहार में दी गई हैं।
ड्रोन के माध्यम से भेजे जा रहे हैं हथियार
23-24 सितंबर 2020 की रात को, जम्मू से दक्षिण कश्मीर में महिंद्रा बोलेरो में यात्रा कर रहे दो संदिग्ध व्यक्तियों के पास से एक चीनी निर्मित नोरेंको / ईएमईआई टाइप 97 एनएसआर राइफल, 190 राउंड एक एके 47 राइफल, 218 राउंड के साथ चार मैगजीन और तीन ग्रेनेड बरामद की थी। कथित तौर पर यह खेप सांबा में एक ड्रोन के माध्यम से गिराई गई थी।
चीनी कनेक्शन
हाल के दिनों में सुरक्षाबलों ने कई हथियार और गोलाबारूद बरामद किया है और इनमें से कई तो चीन में निर्मित है। 18 सितंबर 2020 को, राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास दो एके -56 राइफलें, दो पिस्तौल और 04 ग्रेनेड बरामद हुए। खुफिया जानकारी से पता चला कि ये हथियार पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा गिराए गए थे। इसी तरह 14 सितंबर को, उत्तरी कश्मीर के गुरेज़ सेक्टर में जब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों के एक समूह को सुरक्षाबलों द्वारा चुनौती दी गई, तो उन्होंने किशनगंगा नदी में कूदने से पहले अपने हथियार छोड़ दिए जिनमें एक चीनी निर्मित नोरिन्को QBZ 95 राइफल अन्य हथियारों के साथ बरामद किए गए।
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