UN में बोले PM मोदी- भारत जब मजबूत था तब किसी को सताया नहीं और मजबूर था तो किसी पर बोझ नहीं बना

देश
किशोर जोशी
Updated Sep 26, 2020 | 20:42 IST

PM Modi at UNGA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए इस वैश्विक संस्था में सुधार की जोरदार तरीके से वकालत की।

PM Modi at UNGA For how long will India be kept out of UN’s decision-making structure
UN में बोले मोदी- भारत जब मजबूत था तब किसी को सताया नहीं ... 
मुख्य बातें
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को किया संबोधित
  • भाषण के दौरान पीएम मोदी ने पेश की नए भारत की बुलंद तस्वीर
  • मोदी बोले- कोरोना की वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूएन में सुधार की भारत की मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए इसे समय की मांग बताया और सवाल उठाया कि आखिरकार विश्व के सबसे बड़े इस लोकतंत्र को इस वैश्विक संस्था की निर्णय प्रक्रिया से कब तक अलग रखा जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस वैश्विक मंच के माध्यम से भारत ने हमेशा ‘विश्व कल्याण’ को प्राथमिकता दी है और अब वह अपने योगदान को देखते हुए इसमें अपनी व्यापक भूमिका देख रहा है।

भारत को कब तक रखा जाएगा अलग

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी बदल जाएं और ‘हम ना बदलें’ तो बदलाव लाने की ताकत भी कमजोर हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव की मांग करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ' आखिर कब तक, भारत को संयुक्त राष्ट्र के निती निर्धारण की प्रक्रियाओं से अलग रखा जाएगा? एक ऐसा देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक ऐसा देश, जहां विश्व की 18 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या रहती है, एक ऐसा देश, जहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अनेकों पंथ हैं, अनेकों विचारधाराएं हैं, जिस देश ने सैकड़ों वर्षों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने और सैकड़ों वर्षों की गुलामी, दोनों को जिया है। जब हम मजबूत थे तो दुनिया को कभी सताया नहीं, जब हम मजबूर थे तो दुनिया पर कभी बोझ नहीं बने।'

संयुक्त राष्ट्र से सवाल
संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए। कितने ही आतंकी हमलों ने पूरी दुनिया को थर्रा कर रख दिया, खून की नदियां बहती रहीं। इन युद्धों में, इन हमलों में, जो मारे गए, वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे। वो लाखों मासूम बच्चे जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़कर चले गए। कितने ही लोगों को अपने जीवन भर की पूंजी गंवानी पड़ी, अपने सपनों का घर छोड़ना पड़ा। उस समय और आज भी, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?'

भारत बना सबसे बड़ा उत्पादक
पीएम मोदी ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा, 'महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।   विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं। भारत की वैक्सीन उत्पादक और वैक्सीन डिलवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी। हम भारत में और अपने पड़ोस में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की तरफ बढ़ रहे हैं। वैक्सीन की डिलीवरी के लिए कोल्ड चेन और स्टोरेज जैसी क्षमता बढ़ाने में भी भारत, सभी की मदद करेगा।'

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