Kartavya Path: कर्तव्य पथ बनाने वाले श्रमजीवियों से PM मोदी ने की बात, बोले- देश अब अपनी श्रम शक्ति पर गर्व कर रहा है

PM talks to Kartavya Path workers: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन किया। लेकिन इससे पहले 'कर्तव्य पथ' को बनाने वाले श्रमजीवियों के साथ लंबी बातचीत की।

PM Modi talks to workers who made Kartavya Path, said the country is now proud of its labor force
कर्तव्य पथ के श्रमिकों से पीएम मोदी ने की बात 
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने अपने श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त किया।
  • पीएम ने कहा कि नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन गई है।
  • उन्होंने कहा कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है।

PM talks to Kartavya Path workers: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (08 सितंबर) को सेंट्रल विस्‍टा के राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग कर्तव्‍य पथ का उद्धाटन किया। इसे पहले पीएम मोदी ने कहा कि 'कर्तव्य पथ' को बनाने वाले श्रमिकों के साथ लंबी बातचीत की। श्रमिकों से बात करने से पहले पीएम ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का उद्घाटन किया। गौर हो कि राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया।

पीएम ने अपने संबोधन में भी श्रमिकों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन गई है, एक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है। जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है, तो निर्णय भी उतने ही संवेदनशील होते चले जाते हैं, इसलिए देश अब अपनी श्रम शक्ति पर गर्व कर रहा है। आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है।

कर्तव्‍य पथ को मोदी सरकार की महत्‍वकांक्षी सेंट्रल विस्‍टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है। ज्ञात हो कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर राजपथ नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया। अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को कर्तव्य पथ कहा जाएगा। सरकार के मुताबिक पूर्ववर्ती राजपथ सत्ता का प्रतीक था और उसे कर्तव्य पथ का नाम दिया जाना बदलाव का परिचायक है और यह सार्वजनिक स्वामित्व तथा सशक्तीकरण का एक उदाहरण भी है।

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राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में भीड़ के कारण बुनियादी ढांचे पर पड़ते दबाव और सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण राजपथ का पुनर्विकास किया गया है। इसमें वास्तु शिल्प का चरित्र बरकरार रखा गया है। कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं से युक्त होगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे।

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