नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच को लेकर तीन सदस्यीय समिति बनाने का फैसला दिया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार कहा है कि शीर्ष अदालत ने इस मसले पर विपक्ष के रुख का समर्थन किया है। उन्होंने इस मसले पर संसद के आगामी सत्र में चर्चा किए जाने की बात भी कही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पेगासस के जरिये भारतीय लोकतंत्र को कुचलने और देश की राजनीति एवं संस्थाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की गई।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'संसद के पिछले सत्र में हमने यह मुद्दा उठाया था, क्योंकि हमें लगा कि यह हमारे संविधान और लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे रुख का समर्थन किया है। हम जो कह रहे थे, सुप्रीम कोर्ट ने बुनियादी तौर पर उसका समर्थन किया है।' उन्होंने कहा, 'हमारे तीन सवाल थे। पहला यह कि पेगासस को किसने खरीदा तथा इसे किसने अधिकृत किया? दूसरा यह है कि किनके खिलाफ इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया? तीसरा यह कि क्या किसी अन्य देश ने हमारे लोगों के बारे में सूचना हासिल की, उनका डेटा लिया?'
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'यह भारत के विचार (आइडिया ऑफ इंडिया) पर हमला है। यह राजनीति पर नियंत्रण करने का प्रयास है। लोगों को ब्लैकमैल करने और उन्हें उनका काम नहीं करने देने का प्रयास है।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मसले को फिर से संसद में उठाएंगे और इस पर चर्चा कराने का प्रयास करेंगे।'
उन्होंने सवाल किया, 'जो डेटा आ रहा था, वह क्या प्रधानमंत्री को मिल रहा था? अगर चुनाव आयोग और विपक्षी नेताओं का डेटा प्रधानमंत्री या गृह मंत्रालय के पास जा रहा था तो यह एक आपराधिक कृत्य है।'
यहां उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया है। अदालत ने कहा कि नागरिकों को निजता के उल्लघंन से सुरक्षा देना जरूरी है। अदालत इस मामले में 'मूक दर्शक' नहीं रह सकता। इसके बाद ही राहुल गांधी की इस मामले में प्रतिक्रिया आई है।
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