मोदी सरकार के अग्निपथ योजना को लेकर पिछले दो-तीन दिन से देशभर में महाभारत मचा हुआ है। शहर-शहर आगजनी की जा रही है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कई ट्रेनों को आग के हवाले किया गया है। आप विरोध कर सकते हैं लेकिन क्या प्रदर्शन के नाम पर रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचा दोगे, ट्रेन फूंक दोगे, स्कूल में पढ़ने वाले मासूमों की गाड़ी में तोड़फोड़ कर दोगे। सवाल है कि जो युवा देश की रक्षा के लिए सेना में जाना चाहते हैं क्या वो इस तरह की आगजनी कर सकते हैं? देश आपका है, ट्रेन, बस ये सब आप ही का तो है फिर इन्हें क्यों नुकसान पहुंचाया जा रहा है? क्या इस अग्निपथ योजना के नाम पर जो हिंसा हो रही है वो सुनियोजित साजिश तो नहीं है?
युवाओं को मोहरा बनाकर क्या अग्निपथ पर सियासत हो रही है। अग्निवीर के नाम पर सियासी रोटी सेंकने की कोशिश हो रही है। सरकार इस योजना को देश के युवाओं के हित में बता रही है। सरकार ने युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए दो साल आयु सीमा को भी बढ़ा दिया है लेकिन फिर भी विरोध क्यों? अगर ये प्रदर्शन युवाओं का है तो फिर इसमें राजनीतिक दल और वो तथाकथित नेता क्यों शामिल हो रहे हैं, किसान आंदोलन को हवा देने वाले राकेश टिकैत ने भी आज ऐलान कर दिया है कि वो अग्निवीर योजना के खिलाफ आंदोलन करेंगे, घेराव करेंगे, दिल्ली तक प्रदर्शन करेंगे तो बिहार में आरजेडी के साथ साथ जेडीयू भी इस योजना के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है। सवाल है देश में जो आक्रोश फैला है वो सही है या फिर उसके पीछे युवाओं में भ्रम फैलाकर कोई और साजिश रची जा रही है?
दूसरी तरफ सेना ने इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख ने आज कहा है कि अग्निवीर के लिए 24 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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