Rashtravad: विदेशी मंच पर भारत की तुलना पाकिस्तान से करना, क्या सही है?

Rashtravad : क्या सियासत में विरोध का मतलब विदेश में अपनी ही सरकार अपने की देश के खिलाफ बोलना सही है। राहुल गांधी का विदेश में जाकर ये कहना कि भारत की हालत पाकिस्तान जैसी हो गई है, क्या ये सही है?

Rashtravad : Rahul Gandhi comparing India with Pakistan on foreign stage, is it correct?
आइडियाज ऑफ इंडिया कार्यक्रम में राहुल गांधी 

Rashtravad : हिंदी फिल्म पूरब और पश्चिम का मशहूर गीत है-भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। लेकिन आज सियासत में इतना जहर भरा हुआ है, कि पश्चिमी देश में जाकर कहा जा रहा है-भारत में केरोसीन छिड़क दिया गया है, एक चिंगारी भड़की तो मुसीबत आ जाएगी। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान की। जिस कार्यक्रम में ये बयान दिया गया उस कार्यक्रम का नाम था-आइडियाज ऑफ इंडिया। क्या सियासत में विरोध का मतलब विदेश में अपनी ही सरकार अपने की देश के खिलाफ बोलना सही है। राहुल गांधी का विदेश में जाकर ये कहना कि भारत की हालत पाकिस्तान जैसी हो गई है, क्या ये सही है?

राहुल गांधी को क्यों लग रहा है कि भारत में BJP ने केरोसिन छिड़क रखा है। दरअसल वो ये बताने की कोशिश कर रहे थे कि आज भारत में लोकतंत्र खतरे में आ गया है। भारत में सब कुछ खराब हो रहा है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि BJP को तो चुनावों में जनता का समर्थन हासिल है। इस पर राहुल ने कहा कि ध्रुवीकरण और मीडिया की वजह से बीजेपी जीत रही है। इसके बाद राहुल ने देश में आग लगने जैसी स्थिति का दावा कर दिया।

कांग्रेस पार्टी के उदयपुर चिंतन बैठक के बावजूद हार्दिक पटेल नेतृत्व पर सवाल उठाकर कांग्रेस छोड़ गये। और राहुल गांधी को खोट नजर आ रही है बीजेपी की राजनीति में। लंदन के उसी इवेंट में राहुल ने यहां तक कह दिया कि देश में आज संस्थाएं Deep State का हिस्सा बन गई हैं। यानी अलोकतांत्रिक हो गई है। राहुल यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने भारत की तुलना सीधे पाकिस्तान से कर दी। राहुल गांधी ने भारत की तुलना सिर्फ पाकिस्तान से नहीं की। बल्कि ये तक कह दिया कि लद्दाख की स्थिति वैसी है जैसी यूक्रेन की। राहुल के मुताबिक चीन लद्दाख और डोकलाम में अतिक्रमण कर चुका है।

राहुल जो कह रहे हैं, उस पर बीजेपी पलटवार कर रही है। उनके दावों पर गंभीर सवाल भी उठते हैं। अगर भारत को लेकर राहुल गांधी इतने ही चिंतित हैं तो क्या उस चिंता को जाहिर करने का मंच लंदन का इवेंट है। अभी कल ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आज कुछ पार्टियों का इकोसिस्टम देश को भटकाने में लगा है।

तो आज राष्ट्रवाद का सवाल है कि

1. राहुल की राजनीति देश में फेल तो विदेश में भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा ?
2. विदेश के मंच पर जाकर भारत की तुलना पाकिस्तान से क्यों ?
3. केरोसिन और चिंगारी वाला बयान लोगों को भड़काने वाला क्यों ना माना जाये ?
4. मोदी के विरोध में विदेशी धरती से नफरत की राजनीति कर रहे हैं राहुल ?
5. लद्दाख-डोकलाम की स्थिति यूक्रेन जैसी बताकर राहुल गांधी ने चीन को मौका दिया ?

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