Rashtravad: अमरावती में उदयपुर जैसी हत्या, मजहबी कट्टरता पर फाइनल प्रहार कब?

Rashtravad : अमरावती में 54 साल के फार्मसिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या 21 जून को हुई। यानी उदयपुर कांड के 1 सप्ताह पहले। लेकिन इस मामले को एक सामान्य हत्याकांड के तौर पर देखा जाता रहा। लेकिन अब जो दावा हो रहा है वो ये है कि उमेश कोल्हे ने नूपुर का समर्थन किया था इसलिए उनकी हत्या कर दी गई। इसलिए राष्ट्रवाद की बहस का मुद्दा है कि इस कट्टर सोच का इलाज क्या है? तालिबान और ISIS वाली इस मानसिकता पर फाइनल प्रहार कैसे होगा? आखिर कैसे हुआ उदयपुर, कैसे हुआ अमरावती?

Rashtravad : Udaipur-like murder in Amravati, When is the final attack on religious bigotry?
कन्हैया, उमेश के बाद टारगेट पर और कौन-कौन ? 

Rashtravad : मजहबी कट्टरता ने 28 जून को उदयपुर में कन्हैया लाल की बेरहम हत्या कर दी। लेकिन आज जो खुलासा हुआ है वो एक समाज के तौर पर, एक लोकतंत्र के तौर, एक देश के तौर पर हमें और ज्यादा परेशान कर रहा है। खुलासा ये कि उदयपुर से पहले महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के व्यक्ति की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड की वजह भी नूपुर शर्मा का समर्थन ही बताया जा रहा है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उमेश कोल्हे हत्याकांड की NIA जांच के आदेश दे दिए है। इसलिए राष्ट्रवाद की बहस का मुद्दा है कि इस कट्टर सोच का इलाज क्या है? तालिबान और ISIS वाली इस मानसिकता पर फाइनल प्रहार कैसे होगा? आखिर कैसे हुआ....उदयपुर... कैसे हुआ अमरावती?

अमरावती में 54 साल के फार्मसिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या 21 जून को हुई। यानी उदयपुर कांड के 1 सप्ताह पहले। लेकिन इस मामले को एक सामान्य हत्याकांड के तौर पर देखा जाता रहा। लेकिन अब जो दावा हो रहा है वो ये है कि उमेश कोल्हे ने नूपुर का समर्थन किया था इसलिए उनकी हत्या कर दी गई। आप को इस घटना के बारे में पूरी जानकारी दूं, उससे पहले आप ये CCTV फुटेज देखिए। इस CCTV फुटेज में हमलावर उमेश कोल्हे का पीछा करते दिख रहे हैं। इस CCTV फुटेज में उमेश कोल्हे की हत्या का अहम सुराग छिपा है।

इस मामले का ब्योरा ये है कि 21 जून की रात तकरीबन साढ़े 10 बजे उमेश कोल्हे अपनी दुकान से घर की ओर मोटर साइकिल से निकले थे। उनकी पत्नी और बेटा एक दूसरी मोटर साइकिल से साथ निकला था। रास्ते में उमेश कोल्हे को 2 मोटर साइकिल सवार हमलावरों ने रोका और उनमें से एक कोल्हे के गले पर धारदार हथियार से हमला किया।

इस मामले में पुलिस ने 22 साल के मुदासिर अहमद, 25 साल के शाहरुख पठान को 23 जून को गिरफ्तार कर लिया। 24 साल के अब्दुल तौफीक, 22 साल के शोएब खान और 22 साल के आतिब राशिद को बाद में गिरफ्तार किया गया। हत्याकांड में मास्टरमाइंड बताया जा रहा शमीम अहमद फिरोज अभी फरार है। आरोपों के मुताबिक शमीम ने ही हमलावरों को बाइक मुहैया करायी और पैसों का इंतजाम किया।

इस मामले में Times Now नवभारत ने उमेश कोल्हे के बेटे संकेत से बात की। उदयपुर के हत्याकांड ने पूरे देश को सन्न किया है। लेकिन आज देश इस बात पर हैरान है कि उदयपुर अकेला नहीं। बल्कि अमरावती में उससे पहले नफरत का जहर अपना काम कर चुका था।

21 जून को जब उमेश कोल्हे की हत्या हुई। ये वो तारीख है जब महाराष्ट्र की तत्कालीन उद्धव सरकार राजनीतिक संकट में घिर गई थी। क्या हिंदुत्व के नाम पर राजनीति का दम भरने वाले उद्धव ठाकरे की सरकार के लिए उमेश कोल्हे की जान की कीमत नहीं थी? क्या जानबूझकर अब तक उमेश कोल्हे की हत्या का सच दबाया गया? 30 जून को महाराष्ट्र में सरकार बदली और आज 2 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NIA की जांच का आदेश दे दिया।

आपने उदयपुर का सच देखा। आपके सामने अमरावती का भी मामला सामने आ चुका है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी नेता के एक बयान ने देश का माहौल बिगाड़ दिया। लेकिन क्या ऐसे जघन्य हत्याकांड के लिए सिर्फ एक नेता का बयान जिम्मेदार हो सकता है? क्यों नहीं माना जाना चाहिए कि ऐसे हमलावर एक खास विचारधारा से प्रेरित हैं?

आज एक बीजेपी नेता के बयान का बहाना है। लेकिन 2019 में क्या था। तब कमलेश तिवारी नाम के व्यक्ति की हत्या हुई थी। कमलेश तिवारी की पत्नी किरण का आरोप है कि उन्हें भी 22 जून को उर्दू में लिखी एक धमकी भरी चिट्ठी मिली है। सुनिए इस धमकी भरी चिट्ठी को लेकर किरण का क्या कहना है?

आज का सवाल

1. रियाज, गौस, शोएब, शाहरुख...देश में कितने तालिबानी?
2. ISIS वाली सोच, जेहादी वायरस पर स्ट्राइक कब ?
3. इस कट्टरता के जहर से भारत को कैसे बचाएंगे?


 

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