TIMES NOW नवभारत ने झारखंड में प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण पर खुलासा किया है। ये खुलासा सिस्टम को चौंका देगा। सरकार को हिला देगा। हमारे इस खुलासे से आपको पता चलेगा। कि कैसे देश के हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें लालच देकर, उनका माइंडवॉश करके उनका धर्म बदलवाया जा रहा है। झारखंड में हमारे संवाददाता श्याम सुंदर ने इस पूरे मुद्दे की पड़ताल की। एक-एक तार को खंगाला। एक-एक कड़ी को जोड़ा। और हमारी पड़ताल में जो निकलकर आया, वो एकदम हैरान करने वाला था। चौंकाने वाला था। झारखंड में हिंदुओं डर दिखाकर, बहलाकर, फुसलाकर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है। ये पड़ताल अलग-अलग लेवल पर की। जैसे जैसे पड़ताल आगे बढ़ती गई। नए-नए खुलासे होते गए।
ईसाई मिशनरियों के निशाने पर हिंदू
झारखंड में हिंदू से ईसाई बनाने की जो साजिश चल रही है।उसके खुलासे का पहला पड़ाव हमने पार कर लिया था।ये साफ था कि लालच देकर हिंदू से ईसाई बनाया जा रहा है।झारखंड में आदिवासियों की आबादी बहुत ज्यादा है।.इनके बीच ईसाई मिशनरीज अपनी पैठ बनाती है..और फिर हिन्दुओं को ईसाई बनाने का काम शुरू होता है। कैसे ये पूरी की पूरी मशीनरी इस साजिश के एक-एक तार को बुनने में लगी है। देखिए।
किसका धर्मपरिवर्तन होगा, कैसे होगा, ग्राउंड ज़ीरो पर पूरी जांच करने पर समझ में आया कि ये सब एक सैट पैटर्न के तहत होता है।
स्टेप 1
किसी भी गांव में सबसे पहले चर्च खोला जाता है।इसके लिए पास्टर अपना घर बार छोड़कर उस गांव में बस जाता है
स्टेप 2
पास्टर गांव में उन लोगों से मिलता है..जो बेहद गरीब हैं, जिनके घर में कोई लंबे समय से बीमार है..जिन्हें नौकरी की तलाश है..उनके दर्द को भी धर्मांतरण की दवा बनाया जाता है
स्टेप 3
पास्टर भरोसा देता है कि सब मिलकर प्रार्थना करेंगे तो दुख दर्द दूर होगा..इसके लिए वो लोगों को
बाइबल पढ़वाता है
स्टेप 4
लोगों का भरोसा जीतने के बाद वो गांव में चर्च खोलने की जद्दोजहद शुरू करता है।हमें
कुछ पीड़ित भी मिले जिनका आरोप है कि धोखे से जमीन लेकर चर्च खोलने की साजिश की गई
स्टेप 5
चर्च खुलने के साथ ही ईसाई धर्म का प्रचार तेज हो जाता है।
स्टेप 6
चर्च की तरफ से किसी के घर हैंडपंप लगवा दिया जाता है तो किसी की नौकरी तो किसी की आर्थिक मदद कर दी जाती है।किसी को स्कूल में एडमिशन तो किसी को मुफ्त राशन का लालच दिया जाता है
लालच और बरगलाना मुख्य हथियार
इसके बाद ही आदिवासी परिवार हिन्दू से ईसाई बन जाते हैं।लेकिन ऐसा नहीं है कि धर्मांतरण के खेल से यहां के लोग अनजान हैं।हमें ऐसे कई आदिवासी मिले।जो इस धर्मांतरण के धंधे से गुस्से में हैं।गांव में आदिवासियों की संख्या कम होने से आदिवासी समाज परेशान है।आप खुद यहां रहने वाले लोगों से सुनिए कैसे आदिवासियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाया जाता है
चर्च के लोग आकर यहां बरगलाते हैं।लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है।कोई बीमारी होती है ये दवा देते हैं प्रलोभन आ जाता है
इसमें पैसे भी नहीं लगते हैं इसलिए प्रलोभन हो जाता है।लोगों को बहलाते फुसलाते हैं..रात में पूजा करते हैंअवैध तरीके से अपना धंधा चला रहे हैंगिरजाघर बना रहे हैंवो धन दौलत का लालच देते हैंबोलते हैं कि पैसा अपने आप आ जाएगा।मेरा दोस्त है उसकी जमीन ले ली गईऔर उस पर चर्च बना दिया गया
ये सिर्फ झारखंड के पंडारिया गांव की कहानी नहीं है।आदिवासी इलाकों में ऐसे ही गरीब हिन्दुओं को ईसाई बनाने के लिए लालच दिया जाता है।और उस लालच को मर्जी से धर्म परिवर्तन का नाम दे दिया जाता है।झारखंड में किस तरह से हिंदुओं को ईसाई बनाने की प्लानिंग की जा रही है। ये आपने देखा.. झारखंड में केवल एक गांव नहीं है जहां हिंदुओं का धर्म बदलवाया जा रहा है। यहां ऐसे कई गांव हैं जहां हिंदुओं के कनवर्जन का काम तेजी से चल रहा है ।धर्मांतरण की आंच राजधानी रांची तक भी पहुंच रही है.. मगर कई ऐसे भी परिवार हैं जो ईसाई बनने के बाद फिर से हिंदू बन गए हैं.. इसका कारण धर्मांतरण की आड़ में जमीन कब्जाने का खेल है.. जो ईसाई पास्टर खेल रहे हैं..
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