नई दिल्ली : गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की रेलवे परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे कानून अपने हाथ में न लें। हम उनके द्वारा उठाई गई शिकायतों और चिंताओं को गंभीरता से ले रहे हैं। रेल मंत्री ने कहा कि कोई भी छात्र कानून को हाथ में ना लें। छात्रों की शिकायतों का सामाधान करेंगे।
रेल मंत्री ने नौकरी चाह रहे अभ्यर्थियों से सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि अगर वे इसे नुकसान पहुंचाएंगे तो उचित कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैं, हम उनसे संपर्क में हैं। अभ्यर्थियों से औपचारिक रूप से अपनी शिकायतें देने का अनुरोध करता हूं।
मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें। आपकी जो शिकायतें और बिंदू अब तक उभर कर आए हैं उन सबको हम गंभीरता से देखेंगे। कोई भी छात्र कानून को हाथ में न ले। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की कमिटी छात्रों से मुलाकात करेगी। 1.25 करोड़ लोगों ने आवेदन किया। निष्पक्ष तरीके से परीक्षा कराई गई। कोरोना के बावजूद जल्दी ली गई। रेलवे की एक कॉमन परीक्षा पर विचार किया जा रहा है। एक कैटेगरी के लिए कॉमन परीक्षा पर विचार किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि कुछ लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं, मैं उनसे निवेदन करूंगा कि छात्रों को भ्रमित न करें। ये छात्रों, देश का मामला है, इसको हमें संवेदनशीलता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्षों को उम्मीदवारों की चिंताओं को सुनने, उन्हें संकलित करने और समिति को भेजने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक ईमेल एड्रेस शुरू किया गया है। समिति देश के विभिन्न हिस्सों में जाएगी और शिकायतों को सुनेगी।
उम्मीदवार दो चरणों में परीक्षा आयोजित करने के रेलवे के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम चयन के लिए दूसरा चरण उन लोगों को धोखा देने के समान है जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के लिए आरआरबी-एनटीपीसी के पहले चरण में उपस्थित हुए और पास हुए।
करीब 1.25 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था, जिसमें स्तर दो से स्तर छह तक 35,000 से अधिक पदों का विज्ञापन किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर पटरियों पर धरना दिया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। विरोध के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया।
उधर बिहार में प्रदर्शन के तीसरे दिन एक यात्री ट्रेन में आग लगा दी गई और एक पर पथराव किया गया। बिहार के गया जंक्शन पर भीड़ ने नारेबाजी की और भभुआ-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में आग लगा दी, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पटना के बाहरी इलाके तारेगाना और जहानाबाद में भी प्रदर्शन हुए, हालांकि वहां के प्रदर्शनकारी समझाने के बाद शांत हो गए।
राहुल गांधी ने छात्रों का किया समर्थन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षा की प्रक्रिया का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि अधिकारों के लिए आवाज उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है। उन्होंने बिहार में एक ट्रेन रोककर राष्ट्रगान गा रहे युवाओं का एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि अधिकारों के लिए आवाज उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!
गौरतलब है कि रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। बिहार के कई स्थानों पर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और कई ट्रेनों को रोका। इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।
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