Sawal Public Ka: अग्निपथ स्कीम पर युवाओं को भ्रम या राजनीतिक पार्टियां उन्हें भ्रमित कर रही? 

Sawal Public Ka : अग्निपथ स्कीम पर हंगामे की वजह क्या है? क्या स्कीम ऐसी है जो सेना में भर्ती का सपना देखने वाले छात्रों के हितों के खिलाफ है? 'अग्निवीर' पर कितना भ्रम, सच्चाई कितनी? सवाल पब्लिक का आज यही है।

Sawal Public Ka: Is Agnipath Scheme misleading the youth or political parties misleading them?
अग्निपथ पर नई महाभारत? 

Sawal Public Ka : सेना में भर्ती की सरकार की नई स्कीम पर देश भर में हंगामा मचा हुआ है। अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और झारखंड में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। ट्रेनों में आगजनी की घटनाएं कई जगहों से रिपोर्ट की गई हैं। बिहार के नवादा में बीजेपी दफ्तर को भी आग के हवाले किया गया। स्थानीय बीजेपी विधायक अरुणा देवी की गाड़ी पर भी हमला किया गया। अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए सेना में भर्ती होनी है। योजना में भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। सरकार ने इस योजना को रक्षा क्षेत्र का बड़ा सुधार बताया है। लेकिन सवाल ये है कि अग्निपथ पर इस हंगामे की वजह क्या है? क्या स्कीम ऐसी है जो सेना में भर्ती का सपना देखने वाले छात्रों के हितों के खिलाफ है? 'अग्निवीर' पर कितना भ्रम..सच्चाई कितनी ? सवाल पब्लिक का आज यही है। 

अग्निपथ योजना के तहत 45 हजार से 50 हजार सैनिक हर साल भर्ती होंगे। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवाओं को अग्निवीर बनने का मौका मिलेगा।  लेकिन इसमें से अधिकतर 4 साल बाद सेना से छुट्टी पा जाएंगे। केवल 25% अग्निवीर सेना के परमानेंट कमीशन में भर्ती होंगे। इन 4 साल में ट्रेनिंग का पीरियड 6 महीने का होगा। अग्निवीरों को एकमुश्त करीब 12 लाख का सेवानिधि पैकेज मिलेगा। वो पेंशन के हकदार भी नहीं होंगे। 

इसीलिए सवाल पूछे जा रहे हैं कि
4 साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे?
4 साल की कमाई के बाद उनकी आर्थिक जरूरतों का क्या होगा? 
सेना युवाओं के रोजगार का एक बड़ा जरिया है। ऐसे में क्या ये योजना युवाओं से रोजगार का बड़ा अवसर नहीं छीन लेगी?

इन सवालों को लेकर भड़के युवाओं का कहर सबसे ज्यादा ट्रेनों पर टूटा है। तस्वीरें देखिए। ये बिहार के गोपालगंज से आई तस्वीर है। जहां ट्रेन की खड़ी बोगियों में आग लगा दी गई। गोपालगंज के अलावा छपरा और कैमूर में ट्रेनों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। आरा में हालात ऐसे बिगड़े कि पुलिस को टीयर गैस छोड़नी पड़ी है। हरियाणा के पलवल में भी उग्र प्रदर्शन के खिलाफ हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। 

अग्निपथ योजना सरकार का डिफेंस पेंशन बिल घटा सकती है। सरकार की सोच ये भी है कि इससे सेना में ज्यादा युवा भर्ती होंगे। लेकिन अग्निपथ के खिलाफ हो रहे हंगामे के बाद सरकार छात्रों को भरोसा देने की कोशिश कर रही है। पहला भरोसा केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया कि अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में प्राथमिकता मिलेगी। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों की ओर से भी कहा गया कि पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय की मदद से अग्निवीरों के लिए एक स्पेशल प्रोग्राम लॉन्च होगा। अग्निपथ स्कीम को लेकर भ्रम दूर करने की कोशिशें भी की जा रही हैं। सुनिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस स्कीम को लॉन्च करते वक्त क्या कहा था। अग्निपथ स्कीम रक्षा क्षेत्र का बड़ा कदम है। लेकिन इस पर मचे हंगामे को लेकर विपक्ष भी मैदान में कूद आया है। कांग्रेस ने कहा है कि ये युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। इस बीच कांग्रेस के कुछ नेता ये दावा करने लगे हैं कि सरकार की अग्निपथ स्कीम का हाल भी वही होगा जो किसान बिल का हुआ था। हरियाणा के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा का ये बयान सुनिए।

ऐसे में सवाल पब्लिक का है 

1. अग्निपथ स्कीम पर युवाओं को भ्रम या राजनीतिक पार्टियां उन्हें भ्रमित कर रही ? 

2. क्या सचमुच अग्निपथ स्कीम डिफेंस सेक्टर में गेमचेंजर है ? 

3. कांग्रेस के नेताओं की तरफ से इस आरोप में कितना दम कि अग्निपथ स्कीम दूसरा 'किसान बिल' बनेगा ?  


 

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