Sawal Public Ka: पांच जनवरी को जब प्रधानमंत्री मोदी पंजाब दौरे पर गए थे तो क्या कोई बड़ा प्लान था? क्या कोई गंभीर साजिश थी? पीएम की सुरक्षा चूक पर हमने तब भी सवाल उठाए थे ? आज सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे माना और ये सवाल आज और बड़ा हो गया है पीएम की सुरक्षा में चूक कैसे हुई? इस चूक के बाद उस समय की पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इस मसले पर राजनीतिक बयानबाजी की थी। सवाल है कि क्या राजनीतिक एजेंडे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भी हल्के में लिया जा सकता है?
प्रधानमंत्री को विपक्ष के निशाने पर लेने वाला पेगासस जासूसी मामला भी आज सुप्रीम कोर्ट में धराशायी हो गया। इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों और Activists की जासूसी का आरोप लगाया था। सवाल पब्लिक का है कि क्या मोदी सरकार एजेंडा चलाने वालों के निशाने पर है? क्या ये एजेंडा इतना खतरनाक है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भी नजरअंदाज किया गया?
प्रधानमंत्री का पद Party Politics से बड़ा होता है। इसलिए PM की सुरक्षा में चूक देश के लिए गंभीर बात है। इस सुरक्षा चूक पर आज कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या बातें कही हैं, इसे मैं आपको बताउं, उससे पहले आपको बताना चाहती हूं कि उस समय PM की सुरक्षा चूक के मसले को हवा में उड़ाने की कोशिश हुई थी। सुनिए उस समय के पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का बयान क्या था? आपने सुना उस वक्त पंजाब के चुनावी माहौल में वहां के मुख्यमंत्री का Response क्या था?
जबकि प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर के हुसैनीवाला में 15-20 मिनट तक फंसा रहा था। वहां से पाकिस्तान का बॉर्डर कुछ ही किलोमीटर दूर है। इस घटना के बाद PM ने पंजाब के अधिकारियों से कहा था - "अपने CM को थैंक्स कहना कि मैं जिंदा लौट पाया।"
सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा कमेटी की रिपोर्ट में फिरोजपुर के उस समय के SSP हरमनदीप सिंह हंस पर सवाल उठे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि SSP अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे जबकि उनके पास पर्याप्त समय और सुरक्षा बल मौजूद थे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ साबित होने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।
रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुरक्षा के स्टैंडर्ड तय करने वाली Blue Book की समय-समय पर समीक्षा करने का सुझाव दिया है। लेकिन जिस दिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मसला सुप्रीम कोर्ट की चिंता का विषय बना, उसी दिन पेगासस जासूसी मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट में स्थिति साफ हुई।
सुप्रीम कोर्ट की बनायी टेक्निकल कमेटी ने 29 फोन की जांच की। इसमें किसी फोन में पेगासस बग की पुष्टि नहीं हुई। 5 फोन में Malware मिले, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि Malware होने का मतलब ये नहीं कि ये पेगासस बग था। आपको याद होगा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पेगासस पर आक्रामक थे। संसद का एक सत्र पेगासस के मुद्दे पर नहीं चल पाया था। आज कांग्रेस समेत विपक्ष को जवाब देने की बारी BJP की थी। सुनिए पूर्व IT मंत्री रविशंकर प्रसाद का ये बयान।
हालांकि कांग्रेस अभी भी पेगासस मामले पर हार मानने को तैयार नहीं। कांग्रेस सवाल उठा रही है कि malware क्या है, किसने डाला? कांग्रेस ये भी दावा कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। हालांकि कांग्रेस की ऐसी ही दलीलें तब भी आयी थीं जब राफेल डील में गड़बड़ी के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था।
सवाल है कि क्या विपक्ष, सरकार के खिलाफ मुद्दा उठाने के पहले अपना होमवर्क नहीं करता ? या मुद्दा जनता का न होकर एजेंडा होता है इसलिए वो सबूतों के सामने नहीं टिक पाता। अभी के ताजा 4 मुद्दों को देखिए। जिसे मैं मोदी विरोध का 4-D यानी Four Dimensional plan कह रही हूं। पेगासस मामला और PM की सुरक्षा चूक के मसले पर विपक्ष का स्टैंड सही नहीं साबित हुआ।
आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से इनकार किया है। सरकार पर विपक्ष CBI, IT, ED के दुरुपयोग का आरोप लगाता है। लेकिन इस बात का जवाब किसी के पास नहीं कि रेड में बेहिसाब पैसे क्यों मिल रहे हैं ? कोर्ट से जमानत क्यों नहीं मिलती ।
सवाल पब्लिक का
1. क्या PM की सुरक्षा चूक को लेकर कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए?
2. क्या SC में पेगासस मामला फेल होने से विपक्ष के एजेंडे की पोल खुल गई?
3. क्या 2024 चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ झूठ का एजेंडा चलाने की बात सही है?
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