Sawal Public Ka: क्यों एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना हिटलर से की गई?

Sawal Public Ka : अग्निपथ स्कीम के विरोध के नाम पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि 'मोदी हिटलर की राह चलेगा तो हिटलर की मौत मरेगा।'  पिछले हफ्ते महाराष्ट्र से कांग्रेस के नेता शेख हुसैन ने भी नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहे थे। एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से क्यों की गई?

Sawal Public Ka: Why once again PM Narendra Modi was compared with Hitler?
कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने मोदी को हिटलर बताया।  

Sawal Public Ka : हिटलर के मिनिस्टर ऑफ प्रोपेगेंडा रहे जोसेफ गोएबल्स की एक थ्योरी बेहद मशहूर है। बड़ा झूठ बोलो, बार-बार बोलो तो लोग उसे सच मानने लगते हैं। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी यही एजेंडा चल रहा है? क्योंकि एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से की गई है। अग्निपथ स्कीम के विरोध के नाम पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि 'मोदी हिटलर की राह चलेगा तो हिटलर की मौत मरेगा।'  पिछले हफ्ते महाराष्ट्र से कांग्रेस के नेता शेख हुसैन ने भी नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहे थे। इस बयान में भी पीएम की मौत की बात की गई थी। ये बयान राहुल गांधी से हो रही ED पूछताछ के बाद दिया गया था। लिस्ट में सिर्फ यही दो नाम नहीं, लिस्ट बहुत लंबी है। क्योंकि योजना, उसकी समालोचना से आगे सीधे मोदी को टारगेट किया जा रहा है । कोई मौलाना उठता है..मोक्ष दिलवाने की बात करने लगता है, कोई कलमा पढ़वाने की बात करता है.. कोई मौत की मन्नत मांग रहा है। सवाल पब्लिक का है कि मोदी सरकार के विरोध के नाम पर प्रधानमंत्री को अपशब्द क्यों कहे जा रहे हैं ? क्या जनता से हारे लोग मोदी सरकार के रिफॉर्म एजेंडे के जवाब में मोदी को गाली दे रहे हैं ? 

इन दिनों कांग्रेस एक शब्द बार-बार दोहरा रही है। वो शब्द है सत्याग्रह। मेरे लिए भी बड़ा पवित्र शब्द है।  महात्मा गांधी ने इसी शब्द के बूते अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी। क्योंकि गांधी के सत्याग्रह में सत्य के साथ अहिंसा की ताकत थी। अहिंसा वो अचूक अस्त्र था..जिसका तोड़ उस वक्त दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले अंग्रेजों के पास भी नहीं था। लेकिन आज की कांग्रेस के सत्याग्रह में क्या है, ये मैं.. आपको पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के बयान के जरिये सुनाना चाहती हूं। सुनिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर अग्निपथ के विरोध में कांग्रेस के इस सत्याग्रह में उन्होंने क्या कहा? 

सुबोधकांत सहाय का बयान Bad Taste में है। ये बात कांग्रेस भी समझती है। इसलिए बयान के फौरन बाद कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया। जयराम रमेश ने लिखा - कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की तानाशाही विचारधारा और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ निरंतर लड़ती रहेगी। परंतु प्रधानमंत्री के प्रति किसी भी अमर्यादित टिप्पणी से हम सहमत नहीं हैं। हमारा संघर्ष गांधीवादी सिद्धांतों और तरीके से ही जारी रहेगा। लेकिन क्या जयराम रमेश सिर्फ नैतिकता का दिखावा कर रहे थे? 

खुद सुबोधकांत सहाय अपने बयान को नारा बताकर बयान पर अड़े हैं। कांग्रेस के कई और बड़े नेता जैसे उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टी एस सिंहदेव, सुबोधकांत के बयान का बचाव कर रहे हैं। सुबोधकांत अकेले नहीं पिछले हफ्ते PM मोदी के लिए अपशब्द कहने वाले कांग्रेस नेता शेख हुसैन पर कांग्रेस ने अब तक चुप्पी बना रखी है। BJP का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्द कहना कांग्रेस की सोच को उजागर करता है। एक लंबी सूची है जब विरोधियों ने नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द बोले हैं।

आज जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं तब उनके पद की गरिमा का ख्याल भी नहीं रखा जा रहा। और सुबोधकांत सहाय ने जिस अग्निपथ योजना के विरोध के नाम पर मोदी के खिलाफ अपशब्द कहे। उस योजना के विरोध में क्या कहा जा रहा है, आप को इसे भी सुनाते हैं। पिछले हफ्ते भूपेश बघेल ने कहा था कि 4 साल बाद अग्निवीर नक्सलियों को ट्रेंड करेंगे। अब खड़गे कह रहे हैं कि अग्निवीर RSS के कॉडर बनेंगे। कांग्रेस तय कर ले कि 4 साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे?

वैसे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का भी बयान है, जिसमें कहा गया - इस बात का उचित संदेह है कि ये संघ परिवार का प्रोजेक्ट है जिससे इसके Semi-militant wings को आर्म्स ट्रेनिंग मिल सके। मतलब विरोध के लिए क्या कुछ भी कह देना है। फैक्ट हो या न हो..बस विरोध करना है इसलिए कुछ भी कह दो । कुछ न हो सके तो बस एक शिगूफा छोड़ दो ।  सवाल तो ये भी है कि अगर कोई पूछे कि संघ परिवार का ही प्रोजेक्ट है तो फिर सेना से हटाना ही क्यों ? लेकिन मैं पूछना चाहती हूं कि अग्निपथ योजना के विरोध में कांग्रेस और PFI की भाषा एक जैसी क्यों दिख रही है?

इस पर बात करें उससे पहले आपको ये सुनवाना चाहती हूं कि रिफॉर्म का विरोध करने वाली राजनीति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने खुद क्या कहा ? वैसे अग्निपथ योजना पर मोदी को सिर्फ विपक्ष से ही नहीं बल्कि अपनी सहयोगी जेडीयू का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। यहां ये भी बता दूं कि अग्निपथ योजना के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा बिहार में ही हुई है। बिहार के लखीसराय, इस्लामपुर, बक्सर, आरा, दानापुर समेत कई रेलवे स्टेशनों पर हमला हुआ है। ट्रेनें जलाई गई हैं। शुरुआती अनुमान के मुताबिक देश भर में रेलवे को 1000 करोड़ का नुकसान हो चुका है।  उधर, बिहार में आज पटना के गुरु रहमान इंस्टीट्यूट पर आयकर विभाग का छापा पड़ा। इस इंस्टीट्यूट पर छात्रों को भड़काने का मामला भी दर्ज हुआ था। हिंसा को लेकर कई और इंस्टीट्यूट राडार पर हैं। बिहार में अबतक 161 FIR दर्ज हुई है। 922 लोग गिरफ्तार हुए हैं।

सवाल पब्लिक का

1. क्या रिफार्म्स को अटकाने के लिए मोदी को विपक्ष की गाली पड़ रही है?

2. अग्निपथ के विरोध में RSS का नाम लेना उसकी विचारधारा के खिलाफ हेट एजेंडा है?

3. क्या अग्निपथ पर कांग्रेस और PFI की भाषा एक जैसी है?


 

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