Lakhimpur: थार से भागने वाले शख्स ने सुनाई अपनी आपबीती, बोला- ईश्वर का आशीर्वाद है कि जिंदा बच गया, वरना....

Lakhimpur violence eyewitness: सोशल मीडिया पर लखीमपुर का एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें एक शख्स थार से निकलकर भाग रहा है और दावा किया जा रहा था कि ये आशीष मिश्रा है लेकिन वो सुमित जायसवाल हैं, जिन्होंने पूरी आपबीती बताई है।

Sumit Jaiswal, Lakhimpur violence eyewitness and the man who fled from Thar narrated whole incident
Lakhimpur: थार से भागने वाले शख्स ने सुनाई अपनी आपबीती 
मुख्य बातें
  • लखीमपुर हिंसा में थार से भागने वाले शख्स ने सुनाई अपनी आपबीती
  • सुमित जायसवाल ने बताया कि कैसे हो गए थे हालात, लगातार कारों पर बरसाईं जा रही थीं ईंटे
  • सुमित जायसवाल ने बताया- वो किसान नहीं उपद्रवी थे

लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में हुई हिंसक वारदात के कई वीडियो अभी तक वायरल हो चुके हैं। एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक शख्स थार (Mahindra Thar Car) से उतरकर भाग रहा है। जैसे ही यह वीडियो सामने आया तो कई लोग यह दावा करने लगे कि थार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की है तो भागने वाला शख्स भी उनका बेटा आशीष मिश्रा ही है। कुछ ही देर में आशीष मिश्रा सोशल मीडिया पर टेंड करने लगे। लेकिन हम आज उसी शख्स की जुबानी आपको बता रहे हैं कि कैसे वह थार से निकलकर भागा और अपनी जान बचाई। उस शख्स का नाम है सुमित जायसवाल। 

सुमित ने बताया क्या हुआ था उस दिन

सुमित जायसवाल ने बताया कि वो मंजर बेहद खौफनाक और डरावने वाला था। टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए सुमित ने कहा,  'हमारे ड्राइवर को चोट लगी है जिससे ड्राइवर को चोट आ गई जिसे गाड़ी डिसबैलेंस होकर किनारे पर रूक गई है। क्योंकि गाड़ी पर सब चढ़ रहे थे और दोनों तरफ से गाड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे थे। गाड़ी पर चढ़ वो लोग अंदर बैठे लोगों को मारना चाहते थे, गाड़ी आशीष मिश्रा जी की थी। मुझे लगता है कि ये हमला कहीं ना कहीं आशीष मिश्रा पर था और उन्हें जान से मारने की कोशिश थी। आखिर में जहां पर गाड़ी रूकती हैं, बायें हिस्से से मैं निकला। उपद्रवी रोड के किनारे भी थे और नीचे भी।'

वो किसान नहीं दंगाई थे

उस वक्त के हालात को बयां करते हुए सुमित के चेहरे पर अभी भी डर साफ देखा जा सकता है। सुमित जायसवाल ने बताया, 'बहुत डरावना और दहशत वाला माहौल था वहां पर। क्योंकि अगर हम भागते नहीं तो वो हमें भी जान से मार देते। क्योंकि हमने देखा कि जिन्हें भी उन्होंने पकड़ा बहुत बेरहमी से मार दिया। वो किसान थे ही नहीं बल्कि दंगाई और उपद्रवी थे। हमला उनकी तरफ से किया गया था। हमारी तरफ से कोई फायरिंग नहीं की गई थी और ना ही हमारी गाड़ी में हथियार थे। हम लोग तो स्वागत करने के लिए गए थे उप मुख्यमंत्री जी का।'

भगवान के आशीर्वाद से बचा जिंदा

सुमित ने बताया,  'उनकी पूरी प्लानिंग थी हमें मारने की.. मेरी आशीष मिश्रा से कोई बात नहीं हुई किसी से। मैं उस घटना के बाद इतना डरा हूं कि बता नहीं सकता। मेरा मित्र भी उस हमले में खत्म हुआ है, उसके बाद थोड़ा देर में वहां गया और उसे बाद मैं घर पर ही था। मैं उस घटना से इतना डरा हूं कि.. वो ईश्वर का आशीर्वाद है कि मैं बचकर आ गया और जीवित हूं।

बताई देर से सफाई देने की वजह

इतनी देर बात मीडिया को सफाई देने संबंधित सवाल का जवाब देते हुए सुमित ने कहा, 'आज भी मैं घर ही था मीडिया के लोग आए तो अभी बात कर रहा हूं, बहुत डरा हुआ हूं, अंदर तक दहशत हैं। बहुत खतरनाक माहौल था, डरावना माहौल था बता नहीं सकता.. गाड़ी पर पत्थर चल रहे थे, ईंटे चल रहीं थीं। मैं अपनी आपबीती आपके सामने रख रहा हूं इसमें किसी का दवाब नहीं है। मैं बहुत डरा हुआ है। मैंने पुलिस को पहले ही तहरीर दे रखी है। मेरा फोन भी उसी गाड़ी में था। मैं घर पर था.. जब मीडिया ने अपनी बात रखने को कहा तो तब मैंने बात रखी।'

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