'तीस्ता सीतलवाड़ को यूपीए सरकार ने मदद की, निहित स्वार्थ और दूसरों के इशारे पर चला रही थीं अभियान'

गुजरात दंगों पर खास बातचीत के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनजीओ चलाने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को 2009 में यूपीए सरकार से मदद मिली और वो निहित स्वार्थ और खास इशारे पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बदनाम कर रही थीं।

Gujarat riots, Zakia Jafri, Teesta Setalvad, Amit Shah, Supreme Court, UPA government
अमित शाह ने तीस्ता सीतलवाड़ पर साधा निशाना 

2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। नरेंद्र मोदी तत्कालीन सीएम थे। उन पर और उनकी सरकार पर आरोप लगे कि दंगे प्रायोजित थे,। सरकार चुप्पी साधे रही। मुसलमानों का कत्लेआम होने दिया गया। यह मामला गुलबर्गा सोसाइटी में हिंसा के शिकार अहसान जाफरी की अर्जी पर अदालत की दहलीज तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी का गठन हुआ। एसआईटी की जांच में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिली। लेकिन वादियों को लगा कि जांच निष्पक्ष नहीं हुई है। इस पूरी कवायद में एक और नाम चर्चा में है और वो है तीस्ता सीतलवाड़ का। तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में बीजेपी का शुरू से आरोप रहा है कि वो निहित स्वार्थ और कांग्रेस के इशारे पर काम करती रही हैं। बता दें कि सीतलवाड़ की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की। इस विषय पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह  बात सच है कि उनकी एनजीओ को 2009 के आसपास केंद्र सरकार की तरफ से मदद मिलती रही। यही नहीं उन्होंने तमाम लोगों की फर्जी साइन के जरिए उन्हें पीड़ित बताने की कोशिश की। इसके अलावा वो गुजरात के थानों में जाकर फर्जी तहरीरें पेश किया करती थीं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने इतने वर्षों तक शिव की तरह विषपान किया, गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर