UP के कई जिलों में रहस्‍यमयी बुखार का कहर, मथुरा के गांव में 11 की मौत, खौफजदा लोगों ने छोड़ा घर

देश
उत्कर्ष सिंह
Updated Sep 04, 2021 | 21:43 IST

उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में रहस्‍यमयी बुखार कहर बरपा रहा है। अकेले मथुरा में 11 लोग जान गंवा चुके हैं, जिनमें अधिकांश बच्‍चे हैं। बताया जा रहा है कि बहुत से लोग डर की वजह से गांव छोड़ गए हैं।

UP के कई जिलों में रहस्‍यमयी बुखार का कहर, मथुरा के गांव में 11 की मौत, खौफजदा लोगों ने छोड़ा घर
UP के कई जिलों में रहस्‍यमयी बुखार का कहर, मथुरा के गांव में 11 की मौत, खौफजदा लोगों ने छोड़ा घर 

मथुरा: उत्‍तर प्रदेश के मथुरा में वायरल बुखार डेंगू, स्क्रब टाइफास बीमारी लगातार अपने पैर पसारती ही जा रही है। इस बीमारी ने मथुरा के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। मथुरा में अब तक 11 लोगो की मौत हो चुकी है, जिनमें कोंह में 10, जचोदा में 1 जनसुटी में एक की मौत हुई है। मौतों में 10 बच्चे एवं 1 अन्य है। वहीं, मथुरा के फरह ब्लाक के ग्राम कोंह में इस वायरल बुखार डेंगू,स्क्रब टाइफस का इतना खौफ है कि ग्रामीण घर छोड़कर पलायन को मजबूर हैं। पूरे गांव से अधिकांश परिवार अपने बच्चों को लेकर पलायन कर चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार  गांव में पहुंचकर लोगों की जांच एवं इलाज में जुटी हुई है। ग्रामीण अपने बच्चे को बचाने के लिए सीएमओ से गुहार लगा रहे हैं। वहीं सीएमओ ग्रामीणों को ढाढस बनाने का प्रयास कर रही है।

'लोगों में दहशत, गांव से पलायन'

गांव में फैली भयंकर बीमारी से लोगों में दहशत का माहौल है। ग्राम प्रधान हरेंद्र चौहान का कहना है कि इस बीमारी से डेढ़ सौ से अधिक बच्चे बीमार हैं, जो अस्‍पताल में भर्ती हैं। वहीं 450 से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं। उनका कहना है के गांव की महिलाएं एवं पुरुष अपने बच्चों को लेकर पलायन कर गए हैं।

क्‍या गहते हैं ग्रामीण?

ग्रामीण महावीर सिंह का कहना है गांव में बच्चे बीमार हो रहे हैं। बड़े भी बीमार हो रहे हैं। बड़े ठीक हो जाते हैं, लेकिन बच्चों की मौत हो रही है। अभी तक 11 बच्चों की मौत हो गई है।

एक पिता का दर्द

जिन लोगों ने बुखार में अपने बच्‍चों को खोया है, उनमें महेश चौहान भी शामिल हैं। उनका कहना है कि एक दिन पहले उनके बेटे के पेट में दर्द हुआ था। डॉक्टर ने उसे दो गोली दी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। बाद में बच्‍चे को आगरा अस्‍पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

क्‍या कहता है प्रशासन?

वहीं, जानलेवा बीमारी के डर से लोगों के गांव से पलायन करने से जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने इनकार किया। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग अपने बच्चों का या परिजनों का इलाज कराने के लिए कुछ अन्‍य शहरों के अस्‍पताल में जरूर गए हैं, लेकिन इसे पलायन नहीं कहा जा सकता। अधिकारी गांव का दौरा कर रहे हैं और बेहतर इलाज की व्‍यवस्‍था के साथ-साथ प्रशासन उन्‍हें इसका भरोसा भी दिला रहा है। 

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